यदि होने वाली मां का खान पान सही होगा तो गर्भ में पल रहा बच्चा भी एकदम स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेगा। साथ ही प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याओं के होने का खतरा भी कम रहता है। अपनी मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के पास किसी भी तरह का पोषण प्राप्त करने का केवल एक ही ज़रिया होता है और वह उसकी मां के ब्लड स्ट्रीम से गर्भनाल के द्वारा मिलता है इसलिए बच्चे की सेहत इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी मां को कितना अच्छा पौष्टिक आहार मिल रहा है।
कुछ औरतें मांसाहारी होती हैं और प्रेगनेंसी में भी लगातार नॉन-वेज खाती हैं। वहीं कुछ स्त्रियां ऐसी भी होती हैं जो शुद्ध-शाकाहारी होती हैं और नॉन-वेज का सेवन बिल्कुल भी नहीं करती। हालांकि शाकाहारी और मांसाहारी होने के अपने अलग अलग फायदे और नुकसान हैं। पर यह जानना भी जरूरी है कि प्रेगनेंसी में बच्चे की सेहत के लिए कौन सा आहार ज्यादा बेहतर है
कुछ समय पूर्व ही अकर्सस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, ओस्लो के शोधकर्ताओं ने एक सर्वे किया जिसमें वेजीटेरियन और नॉन-वेजटेरियन गर्भवती महिलाएं दोनों शामिल थी। इस सर्वे से उन्होंने पाया कि वे प्रेगनेंट औरतें जो शुद्ध शाकाहारी होती हैं उनके बच्चों का जन्म ज़्यादातर मौकों पर समय से पहले ही हो जाता है यानी नौ महीने पूरे होने से पहले ही वे बच्चे को जन्म दे देती हैं। वहीं दूसरी ओर नॉन-वेजीटेरियन प्रेगनेंट महिलाओं में इस बात की संभावना कम होती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार इसके पीछे का कारण है विटामिन बी 12 की कमी जो वेजीटेरियन महिलाओं को नहीं मिल पाती। विटामिन बी 12 के अभाव में स्त्री का गर्भाशय छोटा हो जाता है जिसकी वजह से समय से पूर्व ही बच्चे का जन्म हो जाता है। यदि आप वेजीटेरियन हैं और मां बनने वाली हैं तो आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन बी 12 सप्लीमेंट्स ले सकती हैं।