जानिए प्रेग्नेंसी में नारियल पानी कब पीना चाहिए और इसके फायदे
नई दिल्ली: नारियल पानी को महिलाओं के लिए बहुत सेहतमंद माना जाता है, इसलिए हर महिला के मन में यह सवाल रहता है कि प्रेग्नेंसी (प्रेग्नेंसी) में नारियल पानी पीना चाहिए या नहीं। नारियल पानी में ढेरों पोषक तत्व होते हैं, लेकिन फिर भी गर्भावस्था में नारियल पानी का सेवन करने से पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि प्रेग्नेंसी में पीना चाहिए या नहीं और इसके क्या फायदे होते हैं।
नारियल पानी में क्या होता है?
एक कप नारियल पानी यानी 240 मि.ली में 46 कैलोरी, 9 ग्राम कार्ब, 3 ग्राम फाइबर और 2 ग्राम प्रोटीन होता है। इसके अलावा नारियल पानी पीने से रोजाना की जरूरत का 10% विटामिन सी, 15% मैग्नीशियम, 17% मैंगनीज, 17% पोटाशियम, 11% सोडियम और 6% कैल्शियम की पूर्ति हो जाती है।
गर्भावस्था में नारियल पानी के लाभ
कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड का मानना है कि गर्भावस्था में नारियल पानी पीने के लाभ अनेक होते हैं, क्योंकि इसमें क्लोराइड, इलेक्ट्रोलाइट, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है।
अध्ययनों में सामने आया है कि गर्भावस्था के दौरान नारियल पानी पीने से इम्युनिटी बढ़ती है और किडनी के कार्य में सुधार आता है एवं मूत्रमार्ग में संक्रमण से बचाव होता है। ये हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करता है।
नारियल पानी प्रेग्नेंसी में सीने में जलन की समस्या से भी राहत दिलाता है।
प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस और थकान से राहत पाने के लिए नारियल पानी पी सकते हैं।
गर्भावस्था में कब्ज होना एक आम समस्या है लेकिन नारियल पानी के सेवन से इससे बचा जा सकता है। नारियल पानी में कैलोरी न के बराबर होती है और ये ओमेगा-3 फैटी एसिड एवं फाइबर से युक्त होता है जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन नियंत्रित रहता है।
तो इस सवाल का जवाब है- हां प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना पूरी तरह से सेफ है क्योंकि गोल्डन स्पाइस के नाम से मशहूर केसर में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। केसर, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले स्ट्रेस को कम करता है, मूड स्विंग्स की समस्या को दूर करता है, किसी भी तरह के दर्द या तकलीफ को दूर करने में मदद करता है। हालांकि प्रेग्नेंसी में केसर यूज करते वक्त आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। चूंकि केसर बहुत महंगा आता है इसलिए इसमें काफी मिलावट भी होती है। लिहाजा शुद्ध केसर की पहचान करने के बाद ही इसका सेवन करें। साथ ही ज्यादा केसर यूज करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है इसलिए 2 या 3 रेशे से ज्यादा केसर यूज ना करें। साथ ही केसर का सेवन प्रेग्नेंसी के 3 महीने के बाद से ही करना शुरू करें। प्रेग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने में केसर का सेवन ना करें।
प्रेग्नेंसी में केसर यूज करने के हैं कई फायदे- बीपी कंट्रोल करने में मददगार
प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं का हार्ट रेट करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जिस वजह से ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होने लगता है। प्रेग्नेंसी में अगर ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाए तो प्रीक्लैम्प्सिया की भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में केसर जिसमें पोटैशियम और क्रोसेटिन होता है ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। लिहाजा प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
मूड स्विंग्स की समस्या होगी दूर
गर्भावस्था के दौरान शरीर में हॉर्मोन्स से जुड़े कई तरह के बदलाव आते हैं और इन बदलावों का आपकी फीलिंग्स और मूड पर सीधा असर होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि आपको एक ही समय में गुस्सा भी आए, खुशी भी महसूस हो और इमोशनल भी फील हो रहा हो। ऐसे समय में केसर आपकी मदद कर सकता है। सैफ्रन यानी केसर ऐंटी-डिप्रेसेंट का काम करता है जो ब्रेन में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। साथ ही केसर के सेवन से सेरोटॉनिन नाम के हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ता है जो स्ट्रेस को कम कर मूड को बेहतर बनाने के काम करता है।
मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होगी दूर
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में या फिर कई बार तो पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या रहती है। उल्टी आना, चक्कर आना, सिर घूमना जैसी दिक्कते मॉर्निंग सिकनेस कहलाती हैं। इस दौरान आपको ऐसा महसूस होता है मानो शरीर में एनर्जी नहीं रही और आप डल महसूस करने लगती हैं। ऐसे में अगर आप केसर वाली चाय का सेवन करें तो जी मिचलाने और चक्कर आने जैसे लक्षणों में कमी आ सकती है।
पाचन तंत्र बनेगा मजबूत
प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं को पेट में दर्द की शिकायत रहती है क्योंकि इस दौरान डाइजेशन यानी पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। लिहाजा होने वाली मां को कुछ ऐसी चीजों को जरूरत होती है जो डाइजेशन के प्रोसेस को बेहतर बनाने में मदद करें। ऐसे में केसर आपके लिए मददगार साबित हो सकता है क्योंकि केसर पाचन तंत्र तक ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने का काम करता है जिससे मेटाबॉलिज्म मजबूत बनता है। ऐसा करने से डाइजेशन की प्रक्रिया बेहतर बनती है। केसर के सेवन से ऐसिडिटी और पेट फूलने की समस्या भी नहीं होती।