जानिए क्या कोरोना की एंटीबाडी आपको प्रोटेक्ट करेगा नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से ?
कोविड-19 से एक बार इफेक्टेड होने और ठीक हो जाने के बाद बहुत से लोगों का यह मानना है कि अब उन्हें कोविड-19 का खतरा नहीं है और अगर इंफेक्शन हो भी जाता है तो सिम्टम्स इतने खतरनाक नहीं होंगे। डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर में हुए रिसर्च के अनुसार ऐसे लोगों को भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। हां यह बात सही है कि जिन लोगों को पहले कोविड-19 ने प्रभावित किया है। उनकी बॉडी में इसके प्रति नेचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो जाती है। लेकिन इम्यूनिटी रिस्पांस अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह का होता है।
क्या होता है जब आप कोविड से संक्रमित हो जाते हैं?
जब आप कोविड 19 वायरस से संक्रमित होते हैं आपकी बॉडी इम्यून रिस्पांस देने लगती है। जो फॉरेन पार्टिकल से लड़ने के लिए तैयार हो जाती है। जब इम्यून सिस्टम वायरस को पहचान जाता है वह उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है और WBC प्रोड्यूस होता हैं। जो उससे लड़ने का काम करते हैं।
इस पूरे सिस्टम को इनैट इम्यून रिस्पांस कहा जाता है। लेकिन यह भी बताया जाता है कि जैसे ही पेशेंट कोविड-19 से रिकवर कर लेता है और उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है। धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम उस फॉरेन पार्टिकल के प्रति कमजोर पड़ने लगता है।
क्या दूसरी बार हम कोविड-19 से सुरक्षित रहते हैं?
कोविड-19 से बहुत से लोग प्रभावित हुए और बहुत से लोगों ने इससे बहुत जल्दी रिकवर भी कर लिया है। हो सकता है आप 1 महीने पहले कोविड से प्रभावित हुए हो या फिर 1 साल पहले। ऐसे में आपका इम्यून सिस्टम अब धीरे-धीरे इस वायरस के लिए इनएक्टिव होने लगता है। इसलिए इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, के रिसर्च के अनुसार कोविड-19 इंफेक्शन के बाद 10 महीने तक इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
क्या आप की इम्यूनिटी बेहतर है
कोविड-19 माइल्ड इंफेक्शन की बजाय सीवियर इन्फेक्शन में सिम्टम्स ज्यादा खतरनाक होते हैं। यह कहा जा सकता है कि जितना ज्यादा कोविड-19 ने आपको प्रभावित किया है। आपका शरीर भी उसके प्रति उतना ही ज्यादा इम्यूनिटी डेवलप करता है। यह बातें कुछ तथ्यों पर आधारित है।
लेकिन किसी भी तरह का क्लिनिकल एविडेंस इस बात को साबित नहीं करता। कुछ केस स्टडीज में यह देखा गया है कि सीवियर कोविड-19 में मेमोरी T सैल रिस्पांस बहुत ज्यादा होता है।
वैक्सीन का रोल?
विशेषज्ञ हमेशा से कह रहे हैं वैक्सीन ही आपको कोविड-19 के इंफेक्शन से बचा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको दोनों डोस लगवाना बहुत जरूरी है। अब कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के आने के बाद विशेषज्ञ कह रहे हैं कि बूस्टर डोज भी बहुत जरूरी है। आप पहले कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं या नहीं हुए हैं। वैक्सीन आपको इस बीमारी से लड़ने की क्षमता देता है। अगर आप हाल ही में कोविड-19 से प्रभावित हुए थे और अगर आपको इंफेक्शन से उभरे हुए 3 महीने से ज्यादा हो गया है। तो आप वैक्सीन का दूसरा डोस या फिर बूस्टर डोज भी लगवा सकते हैं।
क्या ओमीक्रोन ज्यादा खतरनाक हो सकता है
कोविड-19 में लगातार म्यूटेशन होता रहा है। अपने ओरिजिनल स्ट्रेंन से ये लगातार बदलता रहा है। कोविड-19 के दूसरे लहर ने यह सिद्ध कर दिया है की गुजरते वक्त के साथ ये ज्यादा खतरनाक हो सकता है। डेल्टा वैरीएंट ने लोगों को बहुत ज्यादा संख्या में प्रभावित किया था। यह बताया जा रहा है कि ओमीक्रोन को सबसे पहले साउथ अफ्रीका में डिटेक्ट किया गया है और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसकी पुष्टि की है। ग्लोबल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन कहता है कि ओमीक्रोन का खतरा बढ़ सकता है इससे ज्यादा रिस्क भी हो सकता है ।
फिलहाल के लिए भारत में कोविड-19 का प्रकोप शांत है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि तीसरी लहर कब भारत को बहुत ज्यादा रूप से प्रभावित करेगा? कोविड-19 का नया वैरीएंट ओमीक्रोन, 10 देशों को प्रभावित कर चुका है। इसका संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है। हमें सावधान रहना होगा कोविड-19 बेसिक नियमों का पालन करना होगा। जैसे मास्क लगाना, हाइजीन का ध्यान रखना, हाथों को बार-बार धोना और सोशल डिस्टेंस बनाए रखना।