नवरात्रि में कपूर से क्यों करनी चाहिए आरती, जानें
नईदिल्ली : 26 सितंबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। 9 दिनों तक हर तरफ भक्ति का ही माहौल रहेगा और नवदुर्गा का गुणगान होगा। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ इस पर्व का जश्न मनाया जाएगा। सनातन धर्म में किसी भी पूजा के बाद आरती करने का विधान है।
नवरात्र के पावन दिनों में आरती और भजन का बहुत महत्व है। मां को प्रसन्न करने का यह आसान तरीका है। आपने देखा होगा अक्सर नवरात्र के दिनों में लोग आरती के वक्त ज्योति में कपूर की टिकिया डालते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। इससे वातावरण सुगंधित होता है, हर तरह की नकारात्मकता सकारात्मकता में बदल जाती है और मन को शांति मिलती है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार छोटी सी कपूर की टिकिया भी कर सकती है हर समस्या का अंत।
यदि घर में नियमित रूप से सुबह और शाम घर के मंदिर में कपूर से आरती की जाए तो देवी-देवता प्रसन्न होकर उस घर में सदा के लिए वास करते हैं।
गुलाब के फूल में कपूर के टुकड़े को रख शाम को उसे जलाकर देवी दुर्गा को अर्पित करें। इससे धन प्राप्ति के योग बनते हैं। 43 दिन तक ऐसा करना लाभदायक माना जाता है। नवरात्रि में ऐसा करना आधिक असरदायक माना जाता है।
2 लौंग फूलदार और एक कपूर का टुकड़ा ले लें। इन्हें तीन बार गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित कर लें। इसके बाद इन्हें जला दें। ध्यान रखें जलाते समय आपका मुख पूर्व की ओर हो और गायत्री मंत्र का उच्चारण बराबर चलता रहे। अब जो भस्म बनी है उसे किसी कागज में समेट लें। दिन में दो समय यह भस्म जीभ पर लगाएं। धीरे-धीरे मजबूरी समाप्त हो जाएगी।
घर में आर्थिक अभाव चल रहा हो तो चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग एकसाथ जलाकर सारे घर में घुमाना चाहिए।
घर के मध्य हिस्से में कपूर को घी में भिगोकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जलाएं। किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति घर में ठहर नहीं पाएगी। इस उपाय को हर रोज करने से घर में सकारात्मकता का वास होने लगेगा।
वास्तुदोष से निजात पाने के लिए कपूर की दो टिकिया घर में किसी भी स्थान पर रखें। घर में आ रही अनचाही समस्याएं खत्म होंगी। जब यह टिकिया नष्ट हो जाएं तो फिर से नई टिकिया रख दें।