‘कोहली-रोहित नहीं कर सकते सूर्यकुमार जैसा काम’, विश्व कप को लेकर पूर्व स्पिनर का बड़ा बयान
नई दिल्ली: विश्व कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम में सूर्यकुमार यादव होने से कई क्रिकेट विशेषज्ञ हैरान हैं। सूर्यकुमार को संजू सैमसन के ऊपर तरजीह दी गई है। सनराइजर्स हैदराबाद के पूर्व कोच टॉम मूडी ने सूर्या को भाग्यशाली बताया। वहीं, भारत के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने इस चयन को सही बताया। हरभजन का मानना है कि सूर्यकुमार अपनी बल्लेबाजी से वह कर सकते हैं जो संजू सैमसन नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि उनके जैसा काम विराट कोहली और रोहित शर्मा भी नहीं कर सकते।
वनडे में दोनों खिलाड़ियों के रिकॉर्ड को देखें तो सैमसन उनके ऊपर भारी पड़ते हैं, लेकिन वह टीम में जगह नहीं बना पाए। सूर्यकुमार ने 26 वनडे में 24.3 की औसत से 511 रन बनाए हैं। उनके खाते में दो अर्धशतक हैं। वह पिछली 18 वनडे पारियों में अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं। दूसरी ओर, सैमसन ने 13 वनडे में 55.7 की औसत से 390 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से तीन अर्धशतक निकले हैं। वह मध्यक्रम और शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी के अलावा विकेटकीपिंग भी करते हैं।
हरभजन ने सूर्यकुमार को एक पूर्ण खिलाड़ी बताया। उन्होंने कहा कि मध्यक्रम में उनकी प्रतिद्वंद्वीता संजू सैमसन से थी, लेकिन सैमसन के पास सूर्यकुमार जैसा खेल नहीं है। पूर्व स्पिनर ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा, ”मुझे लगता है कि सूर्यकुमार यादव एक पूर्ण खिलाड़ी हैं। मुझे नहीं लगता कि चयनकर्ता ने संजू सैमसन को लेकर कुछ गलत किया। संजू एक बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। एक गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं, लेकिन आप केवल 15 खिलाड़ियों का चयन ही कर सकते हैं। संजू की जगह सूर्यकुमार को चुनना सही फैसला है। बीच के ओवरों में सूर्यकुमार के पास जो खेल है, मुझे नहीं लगता कि संजू के पास वह खेल है।”
अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए हरभजन ने कहा, ”सूर्यकुमार पहली गेंद से बड़े शॉट मार सकते हैं। जब वह क्रीज पर होते हैं तो विश्वसनीयता की भावना होती है, लेकिन सैमसन के साथ ऐसा नहीं है। वह वनडे में क्रीज पर जमने के बाद आक्रामक शॉट खेलने की कोशिश में आउट हुए हैं। सूर्यकुमार उस क्रम पर (पांचवें या छठे) पर जो कर सकते हैं वह न तो विराट कोहली कर पाएंगे और न ही रोहित शर्मा या सैमसन। इस क्रम पर बल्लेबाजी करना सबसे कठिन है।”
हरभजन ने आगे कहा, “वनडे में ओपनिंग करते हुए आपको पता होता है कि कहां रन बनाने हैं। आपके पास बहुत समय होता है, लेकिन जब आप 20-25 ओवर के बाद बल्लेबाजी करने जाते हैं, तो आपको यह जानने की जरूरत होती है कि कहां रन बनाना है। आप बाउंड्री लगाने के लिए गैप ढूंढ सकते हैं और मुझे नहीं लगता कि भारतीय टीम में कोई भी सूर्यकुमार से बेहतर ऐसा कर सकता है। ऐसे में आपको इस तरह के खिलाड़ी को खिलाना होगा। आप उसे बाहर रखकर बर्बाद नहीं कर सकते। इससे यह बहस खत्म हो जाती है कि संजू को सूर्यकुमार से पहले टीम में होना चाहिए या नहीं।”