कोसोवो बना इंटरनेशनल पैरालंपिक कमिटी का पूर्ण सदस्य
( यूएन की सदस्यता और कोसोवो सर्बिया विवाद के समाधान की मांग भी हुई तेज )
नई दिल्ली: हाल ही में कोसोवो को इंटरनेशनल पैरालंपिक कमिटी का नया पूर्ण सदस्य बनाया गया है। इससे पूर्व इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी ने 2014 में कोसोवो ओलंपिक कमिटी को मान्यता प्रदान कर दी थी और कोसोवो के खिलाड़ियों ने रियो ओलंपिक 2016 और टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भाग लिया था । इसलिए इंटरनेशनल पैरालंपिक कमिटी के गवर्निंग बोर्ड ने यह निर्णय किया कि कोसोवो को फुल मेंबर के रूप में मान्यता दे दी जाए।
कोसोवो को रियो और टोक्यो ओलंपिक में तीन गोल्ड मेडल भी मिले थे लेकिन अभी तक पैरालंपिक खेलों में वह शामिल नहीं हो पाया है। वर्तमान स्थिति यह है कि पैरालंपिक कमिटी ऑफ कोसोवो को एक फुल मेंबर के सभी अधिकार प्राप्त होंगे ,उसे इंटरनेशनल पैरालंपिक कमिटी के जनरल असेंबली में वोट करने का अधिकार होगा, उसे प्रस्ताव रखने का अधिकार होगा और आईपीसी के गवर्निंग बोर्ड या आईपीसी के एथलीट्स काउंसिल में निर्वाचन के लिए नॉमिनेशन करने का अधिकार भी होगा।
पैरालंपिक गेम्स 2024 में पेरिस में होने हैं , उसमें अब कोसोवो के खिलाडी भाग लेंगे। गौरतलब है कि 2008 में कोसोवो ने सर्बिया से अपनी आजादी की ख़ुद घोषणा की थी। अमेरिका, ब्रिटेन फ्रांस, जर्मनी और टर्की ने तुरंत ही कोसोवो को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता प्रदान कर दिया था लेकिन रूस, चीन और स्पेन जैसे देशों ने इसे अभी तक मान्यता नहीं दिया है।
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों में से 117 देशों ने कोसोवो को एक स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में मान्यता प्रदान कर रखा है लेकिन वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य रूस के विरोध के चलते नही बन पा रहा है। कोसोवो अभी तक संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नही बन पाया है और वह यूएन और नाटो की सदस्यता की इच्छा रखता है। कोसोवो में एथनिक अल्बानियन की मेजोरिटी है और कोसोवो और सर्बिया के बीच 1998 में एक खूनी संघर्ष शुरू हुआ था जिसके बाद कोसोवो ने सर्बिया से अलग होने का निर्णय कर लिया था। रूस सर्बिया का समर्थन करता है इसलिए कोसोवो को काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा ।
कोसोवो की तरफ से कहा गया है कि रूस यूक्रेन विवाद को देखते हुए आज ये बहुत जरूरी हो गया है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ की मध्यस्थता में कोसोवो सर्बिया विवाद के समाधान खोजे जाए। ईयू के नेतृत्व में 2011 से कोसोवो सर्बिया विवाद के समाधान हेतु संवाद किया जा रहा है अब कोसोवो और अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहता है कि 2024 तक यूरोपीय संघ के इस संवाद का कुछ ठोस परिणाम निकले।