नई दिल्ली : पानी की कमी शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। ये न सिर्फ डिहाइड्रेशन का कारण बनती है बल्कि, ये ब्लड सर्कुलेशन, लिवर और किडनी सबके काम काज को प्रभावित करती है। इतना ही नहीं, ये कई अंगों की कमजोरी का भी कारण बन सकती है। इसके अलावा आपको रोज कुछ न कुछ ऐसा महसूस हो सकता है जो कि पानी की कमी से जुड़ा हुआ है। जैसे ड्राई स्किन, कब्ज की समस्या, सिर दर्द और पैरों में अकड़न। इसके अलावा इसका कई रोगों के साथ गहरा संबंध भी है.
पानी की कमी से आपको यूटीआई इंफेक्शन हो सकता है। दरअसल, पानी ही है तो बॉडी में तापमान, पीएच बैलेंस करने के साथ हानिकारक बैक्टीरिया को फ्लश ऑउट करने में मदद करता है। लेकिन, जब पानी की कमी होती है तो ये तीनों ही चीजें प्रभावित होती है और हानिकारक बैक्टीरिया ब्लैडर में जमा होकर फैलने लगते हैं और ये मूत्र पथ में इंफेक्शन का कारण बनते हैं।
किडनी में पथरी की समस्या पानी की कमी से हो सकती है। दरअसल, जब शरीर में पानी की कमी होती है तो किडनी का फंक्शन प्रभावित रहता है। किडनी में टॉक्सिन साफ नहीं हो पाते हैं। इससे ये जमा होकर पथरी का रूप लेने लगते हैं और फिर किडनी में चिपक जाते हैं।
सीजर या झटके आने की बीमारी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी से होती है। जब पानी कम होता है तो शरीर का इलेक्ट्रिकल फंक्शन प्रभावित रहता है क्योंकि खून के जरिए मिनरल्स का सर्कुलेशन प्रभावित रहता है। ऐसे में ब्रेन तक सही तरीके से सोडियम और पोटेशियम नहीं पहुंच पाता है, इससे ब्रेन और शरीर के बीच संवाद गड़बड़ाता है और झटके आते हैं।
लो बीपी की समस्या पानी की कमी से जुड़ी हुई हो सकती है। जब पानी कम पिएंगे तो ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है और दिल के द्वारा खून को पंप करने की गति भी स्लो पड़ जाती है। इसके अलावा पानी खून के लिए एक होल्डर का काम करता है और इसके साथ पूरे शरीर में सर्कुलेट होता है। तो जब पानी की कमी होती है, तो बीपी लो रहता है।
जोड़ों में दर्द की शुरुआत जोड़ों के बीच घर्षण से होती है और ये जोड़ों के बीच नमी की कमी से होती है। ऐसे में जब पानी की कमी होती है तो शरीर में हाइड्रेशन की भी कमी होती है और जोड़ों के बीच घर्षण बढ़ता है। इससे जोड़ों में दर्द हो सकता है। तो, इन तमाम कारणों से आपको पानी की कमी से बचना चाहिए। तो, हर दिन 8 गिलास पानी पिएं और हेल्दी रहें।