स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क में 100 फीसदी नकद मुआवजा भी ले सकते हैं जमीन मालिक
इंदौर : स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क के अलवा इकोनॉमिक कॉरिडोर सहित अन्य योजनाओं के लिए एमपीआईडीसी द्वारा सैंकड़ों एकड़ जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसमें इकोनॉमिक कॉरिडोर, जो कि 3200 एकड़ पर प्रस्तावित है, उसमें तो प्राधिकरण की तर्ज पर लैंड पुलिंग एक्ट का लाभ जमीन मालिकों को दिया जाएगा। यानी आधी जमीन वापस लौटा दी जाएगी। दूसरी तरफ स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क, जो कि पीथमपुर सेक्टर-7 के नाम से भी लोकप्रिय है, उसमें 20 फीसदी नकद मुआवजा किसानों को बांटा जा चुका है, जिसके एवज में 120 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी गई है और अब 80 फीसदी के बदले विकसित भूखंड दिए जाना है। इसमें 100 प्रतिशत नकद मुआवजा भी जमीन मालिक हासिल कर सकते हैं।
एमपीआईडीसी की कार्यकारी संचालक सपना जैन से कल किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात भी की और विकसित भूखंडों के आबंटन से लेकर अन्य मांग रखी। जैन ने बताया कि अभी चूंकि चुनावी आचार संहिता लागू है, इसलिए भूखंडों का आबंटन नहीं किया जा सकता। चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आबंटन शुरू कर देंगे। विभाग ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रखी है और पूर्व में जमीन मालिकों को आबंटन-पत्र भी सौंपे गए हैं।
दूसरी तरफ एमपीआईडीसी ने स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क में कई बड़े उद्योगों को जमीनों का आबंटन भी किया है और 250 हेक्टेयर से अधिक जमीनें सुरक्षित भी रखी जा चुकी है, जिसमें एक्सियो लॉजिस्टिक पार्क, टीवीएस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट, जिसकी बड़ी जमीन की रजिस्ट्री अभी मार्च के अंतिम दिनों में कराई गई, के अलावा अवाडा इलेक्ट्रो कम्पनी, शक्ति सक्र्युलेट्री सॉल्यूशंस, जेएसडब्ल्यू पेंट्स, फेंगल टेक्नोलॉजी और पिनाकल मोबिलिटी सहित कई अन्य कम्पनियां हैं। 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश सिर्फ 8 ही बड़े उद्योगों द्वारा यहां किया जा रहा है। दूसरी तरफ एमपीआईडीसी ने किसानों और जमीन मालिकों के लिए 80-20 का फार्मूला तय किया था, जिसमें 20 फीसदी नकद मुआवजा बांटा गया और यह राशि भी 120 करोड़ रुपए से अधिक होती है।
योजना में शामिल एक दर्जन गांवों के 165 किसानों के खातों में गत वर्ष ही यह 20 फीसदी राशि जमा की जा चुकी है और अब उन्हें 80 फीसदी के बदले विकसित भूखंड दिए जाना है। भूखंड आबंटन में भी पारदर्शिता बरतते हुए रेंडमाइजेशन सिस्टम अपनाया जाएगा। ऑनलाइन बुकिंग और आरक्षण की कार्रवाई से भी जमीन मालिकों को अवगत कराया जा चुका है। इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर, जो कि 3200 एकड़ पर विकसित किया जा रहा है उसमें नकद मुआवजे की बजाय लैंड पुकिंग पॉलिसी को ही अपनाया जाएगा।