जेवर एयरपोर्ट के चलते जमीन की कीमतों में उछाल
ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर न केवल गौतमबुद्ध नगर, बल्कि उत्तर प्रदेश को नई उड़ान देगा। बेहतर योजना के साथ बसाए गए ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक और आवासीय भूखंडों की मांग बढ़ी है। यही कारण है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आठ नए औद्योगिक सेक्टर बसा रहा है। यहां पर हीरा नंदानी जैसा ग्रुप डाटा सेंटर हब विकसित कर रहा है। यमुना प्राधिकरण में तो उद्योगों को कलस्टर के रूप में बसाया जा रहा है। कोविड काल में यमुना प्राधिकरण में 1259 कंपनियों को भूखंड आंवटित किए गए हैं। इससे आठ हजार करोड़ का निवेश आएगा और करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। यही कारण है कि प्राधिकरणों ने पांच प्रतिशत तक जमीनों के दाम बढ़ा दिए हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1991 में हुई थी। इसे नियोजित तरीके से गुरुग्राम की तर्ज पर बसाया जाना था। शुरुआत में सब बेहतर रहा, लेकिन बाद में विकास की रफ्तार धीमी हुई। मगर अब जेवर एयरपोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को संजीवनी दे दी है। औद्योगिक सेक्टर में हलचल बढ़ी तो प्राधिकरण ने आठ नए औद्योगिक सेक्टर बसाने शुरू कर दिए। कोरोना काल में प्राधिकरण ने 90 औद्योगिक इकाइयों को जमीन आवंटित की। इसमें 7500 करोड़ का निवेश और सात हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
चार हजार करोड़ खर्च करेगी सरकार
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में हायर, फॉर्मी मोबाइल, जे वर्ल्ड, चेनफेंग, सत्कृति इनफोटेनमेंट कंपनियों ने इकाई का निर्माण शुरू कर दिया। बोड़ाकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और लॉजिस्टिक हब में सरकार करीब 4000 करोड़ लगा रही है। इसमें 16000 करोड़ का निवेश बाहर से आने की उम्मीद है।