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हिमाचल प्रदेश के गांव में धंस रही जमीन! साफ नजर आ रही दरारें, खुले में सोने को मजबूर सहमे लोग

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के लिंडुर गांव में जमीन धंसने के कारण 16 में से नौ घरों में दरारें आ गई हैं। इस खतरे को देखते हुए यहां रह रहे लोगों इसकी वजह पता लगाने के लिए भूवैज्ञानिक सर्व की मांग की है। गांव के लगभग 70 निवासी खुले में सोने को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें अपने घर गिरने का डर है। गांव के लोगों ने कहा कि दरारों के कारण उनकी खेती की जमीन को खासा नुकसान हो रहा है। ऐसी ही दरारों से जुड़ा मामला उत्तराखंड के जोशीमठ में भी सामने आया था। माना जा रहा है कि हिमाचल में पिछले दिनों आई बाढ़ के बाद कई इलाकों में ऐसे हालत बने हैं।

गोहरमा ग्राम पंचायत की प्रधान सरिता ने मीडिया से बात करते हुए कहती हैं कि जून/जुलाई में गांव में दरारें देखी गई थीं और अब यह चोड़ी हो गई हैं। जिससे घरों को खतरा हो गया है। अब तक गांव के 16 में से नौ घरों में दरारें आ गई हैं और इनमें से चार को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है।

प्रधान ने कहा,“पास के जहमला नाले से पानी का रिसाव, जिसमें हर साल बाढ़ आती है, दरारों के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन इसका पता केवल भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से ही लगाया जा सकता है। हमने अधिकारियों से क्षेत्र के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का अनुरोध किया है।”

लाहौल और स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि गांव में कुछ घरों में दरारें आ गई हैं और अधिकारियों ने मौके का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि जिन ग्रामीणों के घरों में दरारें आ गई हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने का ऑप्शन दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई भी दूसरी जगह नहीं गया है।राहुल कुमार ने कहा, ‘‘हालात नियंत्रण में है लेकिन ग्रामीण डरे हुए हैं।

तहसीलदार को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने का निर्देश दिया गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार से दो से तीन पंचायत क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली रिसाव की समस्या को दूर करने के लिए जहमला नाले का नहरीकरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। जिला प्रशासन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी को भी अध्ययन करने और उपाय सुझाने के लिए लिखा है।’’

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