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घाटी में बंद की जाएंगी आतंक की गलियां, घुसपैठ के नए रूट भी रडार पर, जल्द होगा एक्शन

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में LOC पर मौजूद आतंकी घुसपैठ करने वाले नए रास्तों पर सुरक्षा बलों को अपनी सिक्युरिटी, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ पिन पॉइंट ऑपरेशन करने के सीधे निर्देश दिए गए हैं. गृह मंत्रालय के निर्देश पर पिछले दिनों एक उच्च स्तरीय बैठक बॉर्डर एरिया के सीनियर अधिकारियों, जिसमें पंजाब पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आर्मी सहित तमाम खुफिया विभाग के अधिकारियों के साथ हुई.

बैठक में आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन करने को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही घने जंगलों में बने आतंकी रूटों को खत्म करने का भी प्लान तैयार किया गया. आतंकी घुसपैठ के नए रास्ते का इस्तेमाल करते हैं. जम्मू कश्मीर के राजौरी पूंछ के पहाड़ी इलाके में प्राकृतिक तौर पर बने हुए कई रास्ते हैं, जो आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद करते हैं.

स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर(OGW) की मदद और पाक सेना व रेंजर्स की सहायता से आतंकी घुसपैठ करते हैं. यही नहीं जम्मू रीजन में 13 छोटे छोटे नाले और 3 नदियां हैं. इन रास्तों का इस्तेमाल आतंकी घुसपैठ के लिए कर सकते हैं. सुरक्षा बल इन इलाकों में चौकस भले ही रहते हैं, उसके बावजूद यहां से आतंकी घुसपैठ कर जाते हैं.

जम्मू रीजन में घुसपैठ करने के लिए आतंकी पहाड़ी इलाके के रास्तों का इस्तेमाल करते हैं. जम्मू रीजन में आतंकी घुसपैठ करने के लिए पहाड़ी इलाकों के पुराने रास्तों का इस्तेमाल करते हुए पहाड़ों की बनी गुफाओं में छिपकर बैठ जाते हैं. इसके साथ ही 13 ऐसे छोटे-छोटे नाले जम्मू रीजन में है. इन नालों में बरसात के समय में हल्का पानी आ जाता है. इस पानी के रास्ते आतंकी हमेशा घुसपैठ करने की फिराक में रहते हैं.

जम्मू रीजन के IB के उस पार 4 आतंकी लांच पैड हैं. जहां से जैश के आतंकी घुसपैठ करते हैं. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जम्मू सेक्टर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार 4 लांच पैड को री- एक्टिवेट कर दिया है. ये लांच पैड हैं मसरूर, बड़ा भाई, चपराल लूनी और शकरगढ़.

हाल ही में जिस तरीके से दक्षिण पीर पंजाल से राजौरी और पूछ, किश्तवाड़, रियासी, डोडा और कठुआ में सुरक्षा बलों पर आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया है. वैसे में सुरक्षा बलों को यह लगता है कि इस इलाके के रूट का इस्तेमाल कर आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं. यही वजह है कि सुरक्षा बलों ने इन इलाकों में अपनी चौकसी बढ़ा दी है.

किन किन रूटों से आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहें है, उन सब जगहों पर सुरक्षा बलों का पहरा है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकी घुसपैठ करने के लिए PoK के नए रास्तों के इस्तेमाल करने की फिराक में हैं. जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सीमा पार POK के 3 लॉन्च पैड्स (Losar complex, Sonar, Sardari) के जरिये आतंकियों की घुसपैठ कराने की फिराक में पाक आर्मी और ISI लगे हुए हैं.

ISI घुसपैठ कराने के लिए जिन रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार उसमें नौशेरा नार, गोविंद नाला, परिबाल फॉरेस्ट जैसे रूट शामिल हैं. यही नहीं माछिल सेक्टर के सरदारी,केल और तेजिन के लॉन्च पैड्स से आतंकी रिंग पेन, कुमकारी गली के रास्ते से होते हुए जम्मू कश्मीर में घुस सकते हैं.

खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट सरकार को शेयर किया है. केरन सेक्टर के सामने दुधनियाल, अठमुगम लॉन्च पैड में विदेशी यानी वो आतंकी मौजूद हैं जो अफगानिस्तान में लड़कर आये हैं. पाकिस्तान इन आतंकियों को नए खोजे गए आतंकी रूट से घुसपैठ करा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक़ केरन में आतंकी सलाहबथो, डोमरी फॉरेस्ट, मुंगेरकला, ख्वाजा बेख और दात गली के रास्तों का इस्तेमाल करते हुए कुमरारी और राजवार के जंगलों के सहारे घुसपैठ करते हैं. तंगधार सेक्टर में ISI की घुसपैठ वाली चाल को डिकोड किया गया है. दरअसल, इस इलाके में ज़ुरा, खोई, छेजुआ जैसे खतरनाक लॉन्च पैड्स हैं. इस इलाके में भी घुसपैठ के रास्ते मौजूद हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई घुसपैठ कराने की पूरी कोशिश कर रहा है. आतंकी खुफिय रास्ता देख रहे हैं. Rangwar, Chowki bal, Drangyari के जंगलों में होते हुए स्माईल दी डोरी के पास पहुंच कर आतंकी जम्मू कश्मीर में आने की कोशिश में हैं.

बिम्बर गली गली जो कि BG सेक्टर के नाम से जाना जाता है. इस इलाके में आई एस आई और पाक आर्मी ने 7 लॉन्चिंग पैड को सक्रिय किया है. उसकी पूरी जानकारी आज तक के पास मौजूद है. यहां 7 लॉन्च पैड्स हैं. पलानी, खोरबान, डब्बी, मथरानी, तारकुंडी, लनजोत, कंगा गली इस इलाके के आतंकी रास्ते हैं.

आतंकी यहां पर पाकिस्तान से आने वाली चोरगली का इस्तेमाल कर सकते है.पाकिस्तान इस इलाके से चोरी चुपके आतंकियों को घुसपैठ करा सकता है. चोर गली के साथ साथ मोहरा गाप और सबरा गली से भी घुसपैठ होता है. खुफिया एजेंसियों के पास इन तमाम सेक्टरों के उस पार पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों की पूरी जानकारी तो मौजूद है ही, साथ ही रामपुर सेक्टर में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के पास है.

इसके अलावा कृष्णा घाटी(KG) सेक्टर में खतरनाक आतंकवादियों की जानकारी भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद है. यही नहीं नौशेरा सेक्टर में भी एक दर्जन के आसपास आतंकी मौजूद है. जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के साथ मिलकर लश्कर के आतंकी नौशेरा सेक्टर में आने की फिराक में हैं.

आजतक को जानकारी मिली है कि जम्मू के तवी इलाके में पाकिस्तान के एरिया में आतंकी मौजूद हैं. इनको इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार से घुसपैठ कराने की कोशिश पाकिस्तान कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक हीरानगर सेक्टर में पहले भी कई बार आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं. इस इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार मिल रही है भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इन आतंकियों की गली और आतंकियों के बारे में पूरा कच्चा चिट्ठा तैयार कर लिया है.

अब आतंकवादियों की खैर नहीं है. सूत्रों की माने तो सितंबर से लेकर अक्टूबर और नवंबर में बर्फबारी पहाड़ी इलाकों में तेज होने लगती है. बर्फबारी के समय में आतंकियों की घुसपैठ कराना पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए मुश्किल भरा रहता है. इसलिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआईएस चाहती है कि जम्मू में बर्फबारी होने से पहले भारी तादाद में आतंकवादियों की घुसपैठ करा दी जाए.आपको बता दें कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जिस तरीके से आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ रही है. वैसे में इन आतंकवादियों का बच पाना मुश्किल है.

पिछले दिनों जिस तरीके से यह देखने में आया है कि पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए आतंकवादियों की मदद जम्मू कश्मीर में मौजूद ओवर ग्राउंड वर्कर की तरफ से किया जा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने NIA और राज्य सरकार को बड़े निर्देश दिये हैं. सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों के मददगार पर कड़ा प्रहार हो सकता है. साथ ही उनकी संपत्ति जब्त कर उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सूत्रों ने बताया कि जम्मू में भी कश्मीर की तर्ज पर आतंकवादियों के समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इनमें उनकी संपत्ति जब्ती से लेकर उन पर गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे भी शामिल होंगे. ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई जाएगी जो आतंकवादियों के समर्थक हैं और उनके परिवार तक के लोगों को सरकारी नौकरी न दिए जाने पर विचार किया जा रहा है.

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