अन्तर्राष्ट्रीय

बड़ा हादसाः खदान ढहने से 19 लोगों की दर्दनाक मौत, 12 से अधिक अब भी लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

नई दिल्ली: इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा प्रांत के सीरेबोन जिले में स्थित गुनुंग कुडा (Gunung Kuda) पत्थर की खदान में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग मलबे में फंसे हुए हैं। स्थानीय पुलिस प्रमुख सुमार्नी के अनुसार, शनिवार दोपहर तक 16 शव मलबे से निकाले जा चुके थे, जबकि एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम, अस्थिर जमीन और ऊबड़-खाबड़ इलाके के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं।

घटना के समय खदान में काम कर रहे लोग अचानक हुए पत्थर के गिरने से मलबे में दब गए। टीवी फुटेज में दिखाया गया कि पुलिस, सैनिक और स्थानीय वॉलंटियर्स मिलकर जान जोखिम में डालकर खदान के ऊंचे चूना पत्थर की चट्टानों के बीच से लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इस काम में पांच खुदाई करने वाली बड़ी मशीनें लगाई गई हैं।

पश्चिमी जावा के गवर्नर डेदी मुल्यादी ने एक इंस्टाग्राम वीडियो बयान में कहा कि फरवरी में चुनाव जीतने से पहले उन्होंने इस खदान का दौरा किया था और तब भी इसे खतरनाक माना था। उन्होंने कहा, “उस समय मेरे पास इसे बंद करवाने का अधिकार नहीं था। लेकिन अब मैंने इस खदान के साथ-साथ प्रदेश की चार और खतरनाक खदानों को बंद करने का आदेश दे दिया है।”

स्थानीय पुलिस ने खदान मालिक समेत छह लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। जांच के दौरान सामने आया कि खदान में सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी की गई थी।

इंडोनेशिया में अनौपचारिक खनन कार्य आम बात है, जो हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करता है, लेकिन ये कार्य अक्सर भूस्खलन, बाढ़, सुरंगों का ढहना, जहरीले पदार्थों का उपयोग और न्यूनतम सुरक्षा उपायों के कारण श्रमिकों के लिए खतरनाक साबित होते हैं। पिछले वर्ष, सुमात्रा द्वीप में एक अनधिकृत सोने की खदान में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए थे

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