रेलवे में बड़ा बदलाव, रिजर्वेशन सिस्टम को लेकर बदलने जा रहा नियम, बुकिंग से पहले पढ़ लें

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अपने यात्री रिजर्वेशन सिस्टम (Passenger Reservation System – PRS) में बड़ा सुधार करने जा रहा है। इसके तहत अब टिकट बुकिंग की क्षमता को चार गुना बढ़ाकर प्रति मिनट 1 लाख टिकट तक किया जाएगा। इससे यात्रियों को टिकट बुकिंग में काफी आसानी और तेजी मिलेगी। वर्तमान में यह क्षमता प्रति मिनट 25,000 टिकट की है। इस बदलाव को दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बदलाव से रेलवे की टिकट बुकिंग प्रक्रिया और अधिक आधुनिक तथा सुविधाजनक होगी। आइए विस्तार से जानते हैं इस नए सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।
रेलवे का रिजर्वेशन सिस्टम होगा अत्याधुनिक
भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग प्रणाली, जिसे पीआरएस कहा जाता है, 2010 से इटेनियम सर्वर और ओपन वीएमएस पर चल रही है। अब इसे पूरी तरह से अपडेट किया जाएगा। इसके लिए रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (CRIS) द्वारा पीआरएस के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क डिवाइस और सुरक्षा प्रणाली को नई और आधुनिक क्लाउड तकनीक के आधार पर अपग्रेड किया जाएगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि पुराने पारंपरिक सिस्टम को बंद कर नवीनतम क्लाउड-संगत सिस्टम में बदला जाएगा ताकि यात्री आरक्षण प्रणाली और अधिक भरोसेमंद, तेज और सुरक्षित बने।
टिकट बुकिंग की अवधि में बदलाव
1 नवंबर 2024 से रेलवे ने अग्रिम टिकट बुकिंग की अवधि को घटाकर 60 दिन कर दिया है। इसका मतलब अब आप अपनी यात्रा से केवल 60 दिन पहले तक ही टिकट बुक कर सकेंगे। रेल मंत्री का कहना है कि यह कदम बुकिंग के बेहतर प्रबंधन के साथ टिकट रद्दीकरण की घटनाओं को कम करने के लिए उठाया गया है। इससे अप्रत्याशित परिस्थितियों में यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी और टिकट बुकिंग की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित होगी।
नई मोबाइल ऐप से टिकट बुकिंग आसान
रेलवे ने हाल ही में RailOne ऐप लॉन्च किया है, जो यात्रियों को मोबाइल फोन पर आरक्षित और अनारक्षित दोनों प्रकार के टिकट आसानी से बुक करने की सुविधा देता है। इस ऐप के जरिए अब लोगों को टिकट काउंटर या वेबसाइट की लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नॉन-एसी डिब्बों का निर्माण बढ़ेगा
भारतीय रेलवे ने गैर-वातानुकूलित डिब्बों (Non-AC Coaches) की संख्या में वृद्धि का भी बड़ा निर्णय लिया है। वर्तमान में भारतीय ट्रेनों में लगभग 70 प्रतिशत डिब्बे नॉन-एसी हैं। आने वाले पांच वर्षों में रेलवे 17,000 और नॉन-एसी जनरल और स्लीपर डिब्बे बनाएगा। यह कदम उन यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा जो कम खर्च में यात्रा करना चाहते हैं। साथ ही रेलवे ने जनरल डिब्बों में यात्रियों की सुविधा के लिए भी कई सुधार किए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,250 सामान्य डिब्बों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है।