उत्तर प्रदेशराज्य

लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसान का दोबारा पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार

बहराइच (उत्तर प्रदेश), छह अक्टूबर लखीमपुर खीरी में हिंसा में जान गंवाने वाले बहराइच के किसान गुरविंदर सिंह का बुधवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले परिजन की मांग पर शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने बताया कि “लखीमपुर खीरी हिंसा में जान गंवाने वाले किसान गुरविंदर सिंह का उनके परिजनों की मांग पर मंगलवार-बुधवार की रात दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम की निगरानी के लिए चिकित्सकों का एक विशेषज्ञ पैनल लखनऊ से आया था। इस पैनल के निर्देशन में ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की जाएगी।”

गौरतलब है कि रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जान गंवाने वालों में दो किसान बहराइच के भी थे। इनमें से गुरविंदर सिंह “ज्ञानी जी” (22) के परिजनों और किसान संगठनों ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि गुरविंदर की मौत कनपटी पर गोली लगने से हुई है लेकिन लखीमपुर से आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने का जिक्र नहीं है।

परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था और दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी। मंगलवार शाम किसान नेता राकेश टिकैत भी अपने लाव लश्कर सहित बहराइच के मोहरनिया गांव पहुंचे थे। सरकार ने दोबारा पोस्टमार्टम की अनुमति देते हुए लखनऊ से पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल हेलीकॉप्टर से बहराइच भेजकर पोस्टमार्टम कराया। बुधवार तड़के करीब चार बजे पोस्टमार्टम सम्पन्न होने के बाद सुबह ही गांव में अंतिम संस्कार करा दिया गया।

हालांकि दोबारा हुए पोस्टमार्टम में किसान को गोली लगने की पुष्टि हुई या नहीं, अभी यह बात सामने नहीं आई है। जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र सिंह ने कहा कि लखीमपुर की घटना में मारे गए बहराइच निवासी गुरविंदर सिंह के परिवार ने पोस्टमार्टम पर संदेह जताते हुए शव के दोबारा पोस्टमार्टम का अनुरोध किया था। किसान संगठन भी दोबारा पोस्टमार्टम की बात कह रहे थे। राज्य सरकार की अनुमति के बाद दोबारा पोस्टमार्टम किया गया और निष्पक्षता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है।

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अशोक कुमार ने बताया कि मृतक किसान के शव का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह उनके गांव मोहरनिया में कराया गया है। दाह संस्कार के समय किसान नेता राकेश टिकैत और उनके सहयोगी किसान संगठन के नेता, गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार, जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह समेत पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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