हाईकोर्ट में 24 अगस्त से वकीलों को कोर्ट में बहस की मिली अनुमति
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा है कि 24 अगस्त से हाईकोर्ट में वकील शारीरिक रूप से उपस्थित होकर कोर्ट में बहस कर सकेंगे। विगत लगभग दो सप्ताह से कोर्ट में वकीलों को हाजिर होकर बहस करने की छूट नहीं थीं। यह निर्णय प्रयागराज शहर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए लिया गया था।
यही नहीं चीफ जस्टिस द्वारा आज जारी आदेश में यह भी निर्णय लिया गया है कि मुकदमों का दाखिला भी वकील मैनुअल कर सकेंगे, परन्तु साथ ही साथ वकीलों को ई-फाइलिग से केस दाखिल करने की छूट जारी रहेगी। निर्णय में यह भी कहा गया कि वकील शारीरिक रूप से उपस्थित होकर कोर्ट में बहस कर सकेंगे, परन्तु यदि कोई वकील वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग करेगा तो उसे भी ऐसा करने की छूट जारी रहेगी।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगातार इधर अर्जेन्ट केसों की ही सुनवाई हो पा रही थी। इसके लिए वकीलों को अर्जेसी की अर्जी कोर्ट में लगानी पड़ रही थी। अर्जी स्वीकार होने के बाद चीफ जस्टिस द्वारा नामित पीठ ऐसे मुकदमों की सुनवाई कर रही थी। इस व्यवस्था के चलते आम मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही थी। मुकदमों की सुनवाई न हो सकने से परेशान वकीलों ने मांग की थी कि कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर मुकदमों की सुनवाई की व्यवस्था शुरू की जाय।