LDA की करतूत, आम लोगों के प्लॉट मिसिंग दिखाकर किसी और को कर दिए आवंटित
लखनऊ. ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ ये कहावत लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) पर पूरी तरह से सटीक बैठता है। एलडीए के गोमतीनगर विस्तार में बहुत से ऐसे आवंटी हैं, जिनके प्लॉट मिसिंग हैं और वो अपना प्लॉट लेने के लिए एलडीए का चक्कर लगा रहहैं। लेकिन खास बात ये है कि जिनके प्लॉट थे, उनको मिसिंग दिखाकर दूसरों को आवंटित कर दिए।इन्हीं में से एक हैं आरएस वर्मा, जिन्होंने करीब 10 साल पहले कानपुर में अपना एक मकान बेचकर लखनऊ में रहने की प्लानिंग की। गोमतीनगर विस्तार में जब भूखंड की योजना निकली, तो उन्होंने आवेदन किया। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उन्हें गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर पांच में भूखंड संख्या 375 आवंटित भी कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने एलडीए में करीब सवा चार लाख रुपए जमा भी कर दिए, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उनका प्लॉट मिसिंग हो गया है और उस जगह पर दूसरे को प्लॉट आवंटित कर दिया गया है। अब आरएस वर्मा अपने प्लॉट को लेने के लिए एलडीए का चक्कर लगा रहे हैं।हाईकोर्ट की फटकार के बाद एलडीए कर रहा अवैध मकानों को वैध करने की तैयारीएलडीए कर्मचारियों को तय समय में करना होगा काम वरना जारी हो सकता है नोटिसफर्जी रजिस्ट्री मामले में एलडीए के पांच कर्मचारी निलंबित, हो सकती है FIR दर्जबुधवार को जब एलडीए ने गोमतीनगर विस्तार से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कैंप लगाया, तो आरएस वर्मा एक बार फिर अपने प्लॉट के समाधान के लिए कैंप पहुंचे, लेकिनअधिकारी उन्हें सिर्फ कोरा अश्वासन देकर टरका दिए। आरएस वर्मा का कहना है कि करीब 10 साल से सिर्फ अश्वासन लेकर ही घूम रहा हूं, लेकिन मकान अब तक नहीं मिला है।इसी तरह से मकदूमपुर के शंशाक को भी गोमती नगर विस्तार योजना में अपने मकान के बदले में प्लॉट अब तक नहीं मिल पाया है। शंशाक भी कई सालों से एलडीए के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें भी अधिकारी टहला रहे हैं। जब गोमतीनगर विस्तार योजना में एलडीए ने कैंप लगाने की घोषणा की तो शंशाक को कुछ उम्मीद जगी, लेकिन जब वो कैंप पहुंचे तो अधिकारियों ने उन्हें फिर टरका दिया। शंशाक का कहना है कि जब वो कैंप में पहुंचे तो अधिकारियों ने कहा कि आपका काम एलडीए कार्यालय से ही होगा, जबकि कई सालों से वह एलडीए का चक्कर काट रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें अब तक अपने प्लॉट पर कब्जा नहीं मिल पाया है।