अडानी ग्रुप पर LIC का अटूट भरोसा, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बावजूद 4 कंपनियों में बढ़ाई हिस्सेदारी
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को नजरअंदाज करते हुए अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी बढ़ाई है. एलआईसी ने मार्च तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा अडानी समूह की तीन और कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इस साल की शुरुआत में 24 जनवरी, 2023 को अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद म्यूचुअल फंडों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने का फैसला किया था. जिसके कंपनियों के स्टॉक ऐसे टूटे कि ग्रुप का मार्केट कैप पहली बार 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया.
एलआईसी ने मार्च में समाप्त हुई चौथी तिमाही में अडानी ग्रुप की चार कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन में अपनी हिस्सेदारी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. हालांकि, एलआईसी ने अडानी ग्रुप की दो दूसरी कंपनी अंबुजा सीमेंट्स और अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में अपनी हिस्सेदारी कम की है. वहीं एसीसी में एलआईसी की शेयरधारिता समान रही, जो मार्च तिमाही के अंत में 1,20,33,771 शेयर या 6.41 फीसदी थी.
स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़ों के मुताबिक, अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 4.23 फीसदी से बढ़कर मार्च के अंत में 4.26 फीसदी हो गई है. अडानी ग्रीन एनर्जी के मामले में, संस्थागत निवेशक के पास 31 मार्च, 2023 तक 2,14,70,716 शेयर या 1.36 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. यह 31 मार्च, 2023 तक अडानी कंपनी में उसके पास मौजूद 1.28 प्रतिशत की हिस्सेदारी से 8 बेसिस पॉइंट ज्यादा था.
दिसंबर तिमाही के अंत में अडानी टोटल गैस में, LIC ने 5.96 प्रतिशत के मुकाबले अपनी हिस्सेदारी 6 आधार अंक बढ़ाकर 6.02 प्रतिशत कर ली. अडानी ट्रांसमिशन में एलआईसी ने हिस्सेदारी 3.65 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी कर दी. हालांकि इस बीच, अंबुजा सीमेंट्स में LIC ने हिस्सेदारी 6.33 फीसदी से घटाकर 6.3 फीसदी कर दी. वहीं अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में 9.14 फीसदी से घटाकर 9.12 फीसदीकर दी है. जनवरी 2023 में एलआईसी ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने अडानी समूह के कंपनियों के 30,127 करोड़ रुपये के शेयर्स खऱीदे हुए हैं जो कि एलआईसी के कुल एयूएम का 1 फीसदी से भी कम है.