रायपुर : छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल से शराब महंगी हो गई है। चुनाव से पहले शराब महंगी होने से एक ओर जहां मदिरा प्रेमियों को झटका लगा है तो वहीं प्रत्याशियों के भी पसीने अब छूट रहे हैं। दरअसल हर बार चुनाव में वोटरों को रिझाने जमकर शराब बांटा जाता है। ऐसे में चुनाव से पहले कीमत बढ़ने से अब चुनावी खर्च और बढ़ जाएगा।
फिलहाल आबकारी विभाग की ओर देसी-विदेशी शराब की नई कीमत जारी कर दी है। आदेश के अनुसार नई आबकारी नीति के तहत शराब की कीमत बढ़ाई गई है। प्रदेश में अब आज से क्वार्टर में 10 रुपये और बोतल में 40 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इस बढ़ोतरी से मदिरा प्रेमियों की जेब पर अब अतिरिक्त भार पड़ रहा है। बता दें कि विभाग ने इसे इंफ्रास्ट्रक्चर टैक्स बताकर कीमतों में बढ़ोतरी की है।
रायपुर जिले के खरोरा में सबसे ज्यादा शराब की ब्रिकी होती है। यह अन्य नगरों की तुलना में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली शराब दुकानों में से एक हैं। खरोरा नगर की पहचान ही शराब की ताबड़तोड़ बिक्री हैं। ऐसे में कीमत बढ़ने से लोगों को भारी झटका लगा है। यहां सुबह से रात तक सुराप्रेमियों की भीड़ लगी रहती है। वहीं दाम बढ़ने से शराब के शौकीनों के लिए खबर अच्छी नहीं है। शराब पीने के लिए लोगों को अब कुछ ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
आबकारी विभाग ने बताया कि 1 अप्रैल से एक्साइज ड्यूटी के साथ शराब की ब्रिकी शुरू हो गई है। नई आबकारी नीति में इसका प्रावधान किया है। बताया जाता है कि प्रदेश में देसी शराब की एक्साइज ड्यूटी 7 साल से बढ़ी नहीं है। इसी तरह विदेशी शराब में विगत कई साल से एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ी है। यहीं कारण है कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से शराब के शौकीनों के जेब पर इसकी विपरीत असर पड़ेगा।
अब शराब प्रेमियों को मनचाहे ब्रांड की शराब उपलब्ध होगी। सरकार ने 1 अप्रैल से कई ब्रांडेड शराब के साथ अनुबंध किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में लगभग सात साल पहले अहाता के लिए तय की गई दरों से वर्तमान दर पांच गुना अधिक है। इसके साथ ही देसी शराब के सिंडीकेट को खत्म करने की दिशा में कदम उठाते हुए पांच से दस नए सप्लायरों से अनुबंध किया गया है। इससे देसी शराब दुकानों में दो की जगह पांच से दस प्रकार के नए ब्रांड मिलेंगे।
आबकारी विभाग के वित्त प्रभारी प्रीति कुशवाहा ने कहा कि 1 अप्रैल से कीमत बढ़ने वाली हैं। पुराना स्टॉक पुराने रेट पर ही बिकेगा। जैसे-जैसे नया स्टॉक आएगा, उप छपी कीमतों के हिसाब से शराब बेची जाएगी।