कर्नाटक के राजनीतिक गलियारे में सियासी उठापटक जारी है. मंगलवार देर रात दो विधायकों ने कर्नाटक सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. इस बीच भाजपा का कहना है कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन की सरकार दो दिन में गिर जाएगी. बता दें कि दो विधायकों एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने कर्नाटक के राज्यपाल वाजूभाई वाला को पत्र लिखकर अपना समर्थन वापस लेने की बात कही. इन विधायकों द्वारा राज्यपाल को भेजी गई चिट्ठी ने गहमा-गहमी बढ़ा दी है.
हालांकि, 7 महीने पुरानी सरकार के लड़खड़ाने की बातों के बीच भी प्रदेश सरकार चिंतामुक्त है, क्योंकि इन विधायकों के सरकार से बाहर हो जाने के बाद भी कर्नाटक सरकार को कोई खतरा नहीं है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी सरकार स्थिर है और वह पूरी तरह निश्चिंत हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे आपनी ताकत का अंदाजा है. कर्नाटक सरकार स्थिर है. दो विधायकों के समर्थन की घोषणा से क्या होगा?’ सियासी अटकलों और बयानों के बीच मंगलवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर, डीके शिवकुमार व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. जिसके बाद जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने भाजपा पर कर्नाटक सरकार के विधायकों को खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया.
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> कांग्रेस पार्टी ने 18 जनवरी को बेंगलुरु में विधायकों की बैठक बुलाई है. शुक्रवार को 3.30 बजे होने वाली इस बैठक के बाद कांग्रेस अपने विधायकों की गिनती करेगी कि कितने विधायक उनके साथ हैं.
> बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री डी कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस विधायक (मुंबई में होटल में मौजूद कांग्रेस विधायक) पहुंच से दूर हैं. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस विधायक मीडिया की पहुंच से दूर हैं, मेरी पहुंच से नहीं. मैं सभी से संपर्क में हूं और सभी बात कर रहा हूं. सभी वापस लौट जाएंगे. कर्नाटक में गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.’
> सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने ITC होटल के चारो तरफ बैरिकेडिंग की, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता बैरिकेडिंग के सामने ही बैठ गए हैं.
> सियासी घमासान के बीच ग्रुरुग्राम के ITC होटल में भारतीय जनता पार्टी के 104 विधायक रुके हुए हैं. वहीं होटल के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं.
> इस बीच कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस सरकार की अंदरूनी कलह के कारण खुद ही गिर जाएगी. इधर, महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री राम शिंदे ने कहा कि कर्नाटक में गठबंधन की सरकार दो दिन में गिर जाएगी. उन्होंने कहा, ‘लोगों के जनादेश की अनदेखी नहीं की जा सकती. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को सर्वाधिक मत मिले थे लेकिन कांग्रेस की राजनीति ने हमें सत्ता से दूर कर दिया. ऐसी तिकड़म काम नहीं करती.’ वहीं, लोकसभा में भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा ने कहा, ‘येदियुरप्पा को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना हमारी इच्छा है. 104 सीटें जीतने के बाद हम खामोश कैसे बैठ सकते हैं.’
> जानकारी के मुताबिक कांग्रेस-जीडीएस द्वारा खरीद फरोख्त की आशंका को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने 104 विधायकों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में ठहराया है. बताया जा रहा है कि इन विधायकों के साथ कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और शोभा करंदलाजे भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दोनों विधायक प्रदेश कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाने से नाराज थे.
क्या बिखर सकती है गठबंधन की सरकार?
कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी के. सी. वेणुगोपाल ने राज्य के गठबंधन सहयोगियों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार हर हाल में चलेगी. यह 5 साल पूरे करेगी. कुछ नहीं होगा. हमारे विधायक मजबूत और एकजुट हैं. भाजपा को यह करारा जवाब होगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम बिल्कुल एकजुट हैं.’ साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही भाजपा के अनैतिक कार्यों का भंडाफोड़ होगा. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की डर्टी ट्रिक्स से सरकार बनती तो विधानसभा चुनावों जरूरत ही नहीं होती.
क्या है कर्नाटक विधानसभा का समीकरण?
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के 104, कांग्रेस के 79 और जद एस के 37 विधायक हैं. साथ ही KPJP, BSP और निर्दलीय के 1-1 विधायक हैं.