धनबाद : गर्मी का मौसम आते ही फूड प्वाइजनिंग जैसी घटनाएं सामने आने लगती है। ऐसा ही मामला झारखंड के बलियापुर के हुचुकटांड़ में देखने को मिल जहां गुरुवार को यहां लगे मेले में चाट-गोलगप्पे खाने से फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए 150 लोगों में से 146 को एसएनएमएमसीएच (शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) से छुट्टी दे दी गई। 2 बच्चे और 2 महिलाएं अब भी इलाजरत हैं। 2 महिलाओं को गुरुवार को भी भर्ती कराया गया। अस्पताल के डॉ यूके ओझा ने कहा कि सभी खतरे से बाहर हैं। एक-दो दिन में उन्हें भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। मरीजों को एक सप्ताह तक हल्का व सादा भोजन करने की सलाह दी गई है।
इधर, फूड प्वाइजनिंग से बीमार पड़ने वाले बुधन रवानी का कहना है कि मेला में जिस दुकान से उनलोगों ने चाट-गोलगप्पे खाया था उसका तीन स्टॉल लगा हुआ था। दुकान काफी बड़ा था। बुधन का कहना है घटना के बाद पूछताछ में दुकानदार ने बताया कि चाट में लोहटन (छिपकली की तरह का एक प्रकार का कीड़ा) गिर गया था। उसी चाट को तीनों स्टॉल में लगा दिया।
करमाटांड़ ब्रिज के पास कहलडीह गांव के रहने वाले चाट विकेता का कहना था कि 5हजार का सामान बना हुआ था। इसलिए, लोहटन गिरने के बाद भी नहीं फेंका। लोहटन गिरने के बाद उसी चाट को ग्रामीणों को खिला दिया। जिन लोगों ने उसकी दुकान का चाट खाया, सभी बीमार हो गए। बुधन के अनुसार उसके अलावा सात-आठ गांव के लोगों ने उस दुकान से चाट खाया था।
विदित हो कि धनबाद के करमाटांड़ प्रखंड अंतर्गत बलियापुर के हुचुकटांड़ में लगे चड़क पूजा मेला के दौरान चाट और गोलगप्पा खाने से 150 से ज्यादा लोगों की तबीयत बिगड़ गई। सभी फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए थे। बीमार पड़ने वालों में अधिकांश संख्या बच्चों और महिलाओं की थी। तकरीबन 100 लोगों को धनबाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की भर्ती होने से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी भौचक्के रह गए। करीब 50 लोगों का धनबाद के अलग-अलग निजी अस्पताल में इलाज करवाया गया।