कोरोना वायरस : पश्चिम बंगाल में 27 मार्च तक लॉक डाउन
कोलकाता। कोरोना वायरस के लगातार फैलते संक्रमण को देखते हुए आखिरकार पश्चिम बंगाल सरकार ने भी लॉक डाउन की घोषणा कर दी है। 23 मार्च शाम चार बजे से 27 मार्च रात 12 बजे तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तरह के सार्वजनिक परिवहन पर पाबंदी रहेगी। केवल आपातकालीन परिस्थिति में अस्पतालों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों तक जीवन के लिए अति आवश्यक चीजों को ले जाने की छूट रहेगी। अस्पतालों के अलावा अन्य परिवहन के लिए भी स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने रविवार शाम इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि महामारी कानून 1857 की धारा दो, तीन और चार में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्ण सुरक्षा प्रतिबंध (लॉक डाउन) करने का निर्णय लिया है। विदेशों और दूसरे राज्यों से लौटने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा तय समय सीमा तक होम क्वॉरेंटाइन होना होगा। सभी दुकाने, औद्योगिक संस्थान, दफ्तर कारखाने, कार्यशाला और गोदाम आदि बंद रहेंगे। लोगों को घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है। सात से अधिक व्यक्ति के एकत्रित होने पर पाबंदी लगाई गई है। अगर इस निर्देशिका को कोई नहीं मानेगा तो उसके खिलाफ मौजूदा प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जारी रहेंगी ये सारी सेवाएं
स्वास्थ्य, पुलिस, दमकल, बिजली, पानी, टेलीकॉम, इंटरनेट, पोस्ट ऑफिस, बैंक, एटीएम और खाद्य आपूर्ति सेवाएं जारी रहेंगी। इसमें सब्जी, फल, मीट, मछली, ब्रेड दूध आदि की आपूर्ति की जाती रहेंगी। पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस और तेल वितरित करने वाली एजेंसियां एवं गोदाम भी खुले रखे जा सकते हैं। मीडिया संस्थानों पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं होगी। अगर कोई उत्पाद कंपनी ऐसा समझती है कि उसके उत्पाद अति जरूरी श्रेणी में आते हैं तो उसे अपने कारखाने को चालू रखने हेतु स्थानीय प्रशासन से आवश्यक दस्तावेज और कारण बताकर अनुमति लेनी होगी। जिलाधिकारियों निगम आयुक्तों और नगरपालिका के आयुक्तों को संस्थानों को बंद या चालू रखने संबंधी फैसले लेने के अधिकार दिए गए हैं।
हर तरह का निर्णय लेने में सक्षम होगा स्थानीय प्रशासन
राज्य सरकार द्वारा जारी इस निर्देशिका का पालन सुनिश्चित कराने का अधिकार जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, निगम आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, एडीएम, स्वास्थ्य अधिकारियों, एसडीओ, वीडियो और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को दिया गया है। अगर कोई कानून का अनुपालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ ये सारे अधिकारी कार्रवाई करने में सक्षम होंगे। राज्य के सभी 23 जिलों में यह निर्देशिका लागू की जाएगी।