नई दिल्ली: लोकसभा ने सोमवार को अनुदान की दूसरी अनुपूरक मांग पारित कर दी, जिससे केंद्र सरकार को चालू वित्तवर्ष में अतिरिक्त 3.73 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का अधिकार मिल गया। इस दौरान विपक्ष का हंगामा जारी रहा। विपक्ष गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को हटाने की मांग करता रहा। अनुदान की अनुपूरक मांग पर बहस का जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़े बकाएदारों की संपत्ति बेचकर 13,109 करोड़ रुपये की वसूली की है।
उन्होंने यह भी कहा कि माल्या की संपत्ति के निस्तारण के बाद वसूले गए 792 करोड़ रुपये बैंकों में जमा करा दिए गए हैं। मुद्रास्फीति का मुद्दा उठाने वाले सदस्यों को जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति की दर अभी लगभग 6 प्रतिशत है और इससे निपटने के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया गया है। तेल बॉन्ड के बारे में सीतारमण ने कहा कि 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि तेल क्षेत्र में दी जाने वाली सब्सिडी हमारे बच्चों पर बोझ होगी।
उन्होंने कहा, “करदाता आज एक दशक से अधिक समय पहले दी गई सब्सिडी का भुगतान कर रहे हैं। यह अगले पांच वर्षो तक जारी रहेगा।” पूरक मांग में एयर इंडिया की संपत्ति में इक्विटी के लिए 62,000 करोड़ रुपये, उर्वरक और खाद्य सब्सिडी के लिए आवंटन और मनरेगा के लिए धन शामिल है। यह अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी के माध्यम से 58,430 करोड़ रुपये, लंबित निर्यात प्रोत्साहनों के भुगतान के लिए 53,123 करोड़ रुपये और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के हस्तांतरण के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को 22,039 करोड़ रुपये प्रदान करता है।
अनुदान की दूसरी अनुपूरक मांग 14 दिसंबर को लोकसभा में पारित करने के लिए पेश की गई थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण पारित नहीं हो सकी थी। विपक्ष ने मुद्रास्फीति, कोविड-19 स्थिति और अन्य मुद्दे उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा था।