उज्जैन में 56 करोड़ बारातियों के साथ धूमधाम से निकली भगवान नेमिनाथ की बारात!
उज्जैन : बाबा महाकाल की नगरी में प्रतिदिन कई धार्मिक आयोजन होते हैं. ऐसा ही एक आयोजन लोगों के लिए आश्चर्य का केंद्र बन गया, जब श्रीकृष्ण के चचेरे भाई भगवान नेमीनाथ की भव्य बारात निकाली गई. मान्यता है कि उज्जैन में श्रीकृष्ण पढ़ने आए थे, इसलिए नेमीनाथ का अवंतिका नगरी से भी संबंध है. दशहरा मैदान में आयोजित मज्जिनेन्द्र नेमीनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक में मंगलवार को युवराज नेमीकुमार की बारात मूंदड़ा कॉलोनी से निकाली गई, जो शहर के प्रमुख मार्ग से गुजरी. यह बारात चामुंडा माता चौराहा, घंटाघर, शहीद पार्क होते हुए दशहरा मैदान पहुंची. नेमीकुमार नीरज सोगानी बने. दो हाथी, तीन उंट, कई बग्गियां भी इसमें शामिल हुईं. बारात का कई स्थानों पर स्वागत भी किया गया. श्रीकृष्ण के चचेरे भाई नेमीनाथ भगवान हैं, उज्जैन में श्रीकृष्ण पढ़ने आए थे, इसलिए नेमीनाथ का अवंतिका नगरी से भी संबंध है. ऐसा माना जाता है कि जब नेमीनाथ की बारात निकली थी तो 56 करोड़ यदुवंशी शामिल हुए थे, ऐसे में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 56 करोड़ यदुवंशी आज भी शामिल माने गए.
इस संबंध में पुजारी कासलीवाल ने बताया कि दशहरा मैदान में जन्मकल्याणक व पांडुक शिला पर जन्माभिषेक का आयोजन किया गया. सुबह 6 बजे से मंगल वाद्य, जिनाभिषेक, नित्यमह पूजन सुबह 7.41 बजे से, फिर प्रतिष्ठाचार्य ने तीर्थंकर बालक के जन्म की घोषणा की. जन्म कल्याणक संस्कार, विश्व शांति होम सुबह 8 बजे से, सौधर्म इंद्र का दरबार आसन कम्पायमान सौधर्म इंद्र द्वारा प्रभु जन्म का समाचार जान इंद्रों ने साढ़े बारह करोड़ वाद्यों की ध्वनि की. पूरे इंद्र परिकर के साथ ऐरावत हाथी पर शौरीपुर दोप नगरी में आगमन, महाराज समुद्रविजय से तीर्थंकर बालक को जन्माभिषेक के लिए ले जाने का निवेदन, शची द्वारा बालक तीर्थंकर को लाना, सौधर्म इंद्र का सहस्त्र नेत्रों द्वारा प्रभु का अवलोकन किया. सुबह 9 बजे बधा से मुनि श्री मंगल प्रवचन भी हुए.