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चप्पल से चमकेगी किस्मत और जूते से जगेगा सोया भाग्य, जानें कैसे?

नई दिल्ली : ज्योतिष और पंचतत्वों पर आधारित वास्तु शास्त्र के अनुसार घर और बाहर पहने जाने वाले फुटवियर को पहनते और उतारते समय हमें कुछ बातों का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए क्योंकि पैरों में पहने जाने वाली चप्पल या जूते का संबंध सिर्फ आपकी पर्सनालिटी से ही नहीं बल्कि आपकी कुंडली के ग्रहों से भी होता है. मान्यता है कि यदि आप फुटवियर से जुड़े वास्तु नियमों की अनदेखी करते हैं तो आपको शनि संबंधी दोष और तमाम तरह की दिक्कतें का सामना करना पड़ सकता है. आइए पैरों में पहनी जाने वाली चप्पल और जूते से जुड़े जरूरी नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं.

जूते से जुड़े 4 ज्योतिष नियम

वास्तु के अनुसार किसी कार्य विशेष या फिर नौकरी-व्यवसाय आदि के लिए निकलते समय कभी भी फटे-पुराने जूते पहनकर नहीं निकलना चाहिए. वास्तु के अनुसार आपके जूते हमेशा साफ-सुथरे या फिर कहें पॉलिस किए हुए होने चाहिए.

वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में जूतों कभी भी खुले में नहीं रखना चाहिए. जूतों से जुड़े वास्तु दोष से बचने के लिए हमेशा उसे किसी बंद आलमारी या रैक में रखना चाहिए. घर और बाहर पहनने वाले जूते चप्पलों को हमेशा दक्षिण, दक्षिण- पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए. कभी भूलकर भी जूते-चप्पल को ईशान कोण या फिर पूजा घर के बगल में नहीं रखना चाहिए.

वास्तु नियमों के अनुसार कभी किसी से उपहार में काले जूते नहीं लेने चाहिए और न ही किसी के जूते-चप्पल पहनने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने पर व्यक्ति को शनि संबंधी दोष लगता है.

ज्योतिष के अनुसार यदि आपकी कुंडली में शनि संबंधी दोष है तो उसे दूर करने और उसके बुरे प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन किसी मंदिर में जाकर काला जूता या चप्पल चुपचाप उताकर अपने घर में वापस लौट आना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने पर शनि दोष दूर होता है.

वास्तु नियमों के मुताबिक घर के भीतर कभी भी टूटी हुई या प्रयोग में न लाई जाने वाली पुरानी चप्पलें नहीं होनी चाहिए. ऐसी चप्पलें अक्सर जीवन से जुड़ी तमाम परेशानियों का बड़ा कारण बनती हैं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के भीतर कभी भी कहीं भी चप्पल नहीं उतार कर रखनी चाहिए. विशेष तौर पर घर के मुख्य द्वार और घर के बीचों-बीच कहलाने वाले ब्रह्म स्थान पर तो ऐसी गलती भूल से भी नहीं करनी चाहिए. मान्यता है कि इन दोनों स्थान पर चप्पल उतारने पर घर में आर्थिक संकट और समस्याएं आती हैं.

वास्तु के अनुसार घर में कभी भी चप्पल को इधर-उधर नहीं फेंक देना चाहिए. वास्तु के अनुसार घर में इधर-उधर बिखरी या फिर उलटी पड़ी चप्पल व्यक्ति के जीवन में अनचाही परेशानियां लेकर आती हैं.

वास्तु के अनुसार के घर के बाहर पहनी जाने वाली चप्पल को घर के भीतर नहीं पहनना चाहिए. ऐसी चप्पल को पहनकर किचन के भीतर तो भूलकर भी नहीं जाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसी चप्पल के साथ न सिर्फ बाहर की गंदगी बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश कर जाती है.

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