मध्य प्रदेशराज्य

उज्जैन महाकाल लोक से मध्य प्रदेश टूरिज्म को मिलेगी नई दिशा

उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain, the city of Mahakal) में बने नवनिर्मित महाकाल लोक को लेकर पर्यटकों (tourists) में काफी क्रेज देखा जा रहा है। वर्तमान में जहां करीब 30 से 35 हजार श्रद्धालु उज्जैन में बाबा महाकाल (Baba Mahakal in Ujjain) के दर्शन करने आते हैं तो वहीं, महाकाल लोक के लोकार्पण (The inauguration of Mahakal Lok) के बाद उज्जैन आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या में दोगुनी वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है। अगले दो महीनों के लिए उज्जैन के होटलों में बुकिंग (booking in hotels) भी आम दिनों से ज्यादा की हो चुकी है।

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखे हुए मांडू, महेश्वर, इंदौर, ओंकारेश्वर, हनुवंतिया, झाबुआ को टूरिस्ट सर्किट के रुप में विकसित कर रहा है। अगले तीन माह में इन स्थानों पर पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ाई जाएगी, ताकि उज्जैन आने वाले पर्यटक इन स्थानों पर भी जा सके। हर साल अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक प्रदेश में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।

हाल ही में मध्यप्रदेश को आठ श्रेणियों में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार मिले हैं। स्वच्छता व पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने में इंदौर को पुरस्कार मिला है। इंदौर से उज्जैन की दूरी 50 किलोमीटर है। उज्जैन जाने वाले ज्यादातर पर्यटक इंदौर भी आते हैं। पर्यटन विभाग ने इंदौर में ड्राइव इन सिनेमा शुरू किया है। इसके अलावा साहसिक खेल गतिविधियों के आयोजन की तैयारी भी की है। दिसंबर में मांडू उत्सव और हनुवंतिया में जलमहोत्सव भी पर्यटन विभाग आयोजित करने जा रहा है।

उज्जैन जाने वाले पर्यटक बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल ओंकारेश्वर धाम में भी दर्शन करने जाते हैं। लेकिन दोनों ज्योर्तिलिंगों को जोड़ने वाली इंदौर-खंडवा सड़क पर्यटकों की परीक्षा लेती है। यहां फिलहाल टू लेन रोड है, लेकिन रखरखाव के आभाव में सड़क की हालत काफी जर्जर है। गड्ढे होने के कारण आये दिन घाट पर जाम लगता है। कई पर्यटक ट्रैफिक जाम से फंसने से बचने के लिए महेश्वर से ओंकारेश्वर जाते हैं।

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