मध्यप्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आधुनिकीकरण के लिए मिलेंगे 13 हजार करोड़ रूपए
भोपाल: मध्यप्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आधुनिकीकरण और अधोसंरचना विकास के लिए 13 हजार करोड़ रूपए की राशि दी जाएगी। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में यह जानकारी दी। केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे सुधार प्रशंसनीय हैं। यहाँ विद्युत हानि कम करने की योजना और अपनाए गए नवाचार अभिनव और अनुकरणीय हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश को राशि स्वीकृत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह का आभार व्यक्त किया।
सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए रोड मैप तैयार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए रोड मैप तैयार किया गया है। किसानों और पंचायतों द्वारा खेतों पर कुसुम योजना में सौर ऊर्जा उत्पादन के कार्य को गति दी जाएगी। इससे किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी। केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न बाधाएँ दूर कर मध्यप्रदेश को ताप विद्युत सहित अन्य ऊर्जा उत्पादन के माध्यमों में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के हर घर तक बिजली पहुँचाने के लक्ष्य को राज्य में पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश तेजी से कार्य करेगा।
बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, मध्यप्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हर घर तक बिजली पहुँचाएँगे
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र के आधुनिकीकरण और अधोसंरचना के विकास के लिए 13 हजार करोड़ रूपए भारत सरकार से देने पर सहमति हुई। मध्यप्रदेश को यह राशि प्रदान करने के लिए समस्त बाधाएँ दूर की गई हैं। इस राशि से आधुनिकीकरण भी होगा और हम सहजता और सरलता के साथ हर घर तक बिजली भी पहुँचा सकेंगे।
ऊर्जा के सभी साधनों का उपयोग करेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने आज मध्यप्रदेश की धरती पर 1500 मेगावॉट के तीन सोलर पॉवर प्लांट्स का शिलान्यास किया है और ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए विस्तृत बैठक भी की है। ऊर्जा के लिए अधोसंरचना विकास के लिए तैयार योजना को सहयोग देने का सिंह से आग्रह किया गया था। केन्द्रीय मंत्री सिंह ने इस आग्रह को स्वीकार किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिजली की बढ़ती हुई खपत को और बढ़ती हुई मांग की पूर्ति के लिए अब हम केवल थर्मल और जल विद्युत पर निर्भर नहीं रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के ग्रीन एनर्जी के संकल्प और स्वप्न को पूरा करने की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश किस तरह अधिक तेजी से बढ़े और किसान को भी कैसे दिन में हम सोलर के माध्यम से बिजली उपलब्ध करा पाएँ, ऐसी योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा करके उनको आज अंतिम रूप दिया गया है।
ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों के निरंतर प्रयास
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में कुछ सुधार करने हैं। प्रयास निरंतर जारी रहेंगे। ऊर्जा के क्षेत्र में सभी आवश्यक सुधारों को मध्यप्रदेश सरकार पूरा कर लेगी। यह सभी सुधार करते हुए अभी जनता को 24 घंटे घरों में बिजली और 10 घंटे खेती के लिए बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बढ़ती हुई ऊर्जा की मांग के साथ-साथ उपलब्धता बढ़ती रहे, उसका रोड मैप हमने तैयार किया है। अनेक प्रोजेक्ट्स चाहे वो ओंकारेश्वर का फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट हो, छतरपुर में बिजली को स्टोर करके रखने की योजना हो या रूफ टॉप के माध्यम से सोलर के उत्पादन को बढ़ाने का सवाल हो, सभी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश कार्य कर रहा है।
साँची होगी ग्रीन सिटी, प्रधानमंत्री मोदी का ग्रीन एनर्जी का संकल्प करेंगे पूरा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्थल साँची को पूरी तरह से ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। ग्रीन एनर्जी प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है। इसके अनुरूप गैर पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृत-संकल्पित हैं। साँची एक ग्रीन सिटी होगी जहाँ पूरी की पूरी बिजली का जो उत्पादन होगा वो सोलर के माध्यम से होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि साँची सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व भर में सभी का ध्यान आकर्षित करेगी।
मध्यप्रदेश में बेहतर ऊर्जा प्रबंधन: केंद्रीय मंत्री सिंह
केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि देश में ऊर्जा क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य हुआ है। बिजली की कमी नहीं है। ग्रीन एनर्जी पर भी जोर दिया जा रहा है। प्रदेशों की चर्चा करें तो मध्यप्रदेश में बिजली का प्रबंधन अच्छा है। विद्य़त की उपलब्धता अच्छी है। मध्यप्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में आधुनिकीकरण के लिए राशि मिल जाने से बिजली व्यवस्था ओर बेहतर होगी।
कुसुम योजना में कृषि फीडर सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य भी बेहतर
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश का पंचायतों के माध्यम से कुसुम योजना के क्रियान्वयन का प्रयास सराहनीय है। कुसुम योजना में सिंचाई के लिए ऊर्जा उत्पादन किया जा रहा है। किसान के खेत में ही सिंचाई के लिए दो मेगावॉट तक उत्पादन का मध्यप्रदेश का मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है। इसे अधिकाधिक प्रोत्साहित किया जाए। केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यकतानुसार कृषि फीडर काफी हद तक निर्मित कर दिए गए हैं। इन्हें सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है। मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा। पारम्परिक ऊर्जा के अलावा गैर पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की स्थिति अच्छी है। केन्दीय मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में विद्युत हानि कम करने की योजना भी अनुकरणीय है। इसी तरह कोयले की खपत की योजना बनाने के लिए भी राज्यों से कहा गया है। मध्यप्रदेश में आवश्यकता के अनुसार कोयले की रैक आती रहें, इसके निर्देश भी दिए गए हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने प्रदेश के ऊर्जा परिदृश्य पर प्रजेन्टेशन दिया। दुबे ने बताया कि प्रदेश में ड्रोन का उपयोग कर हाई पॉवर टावर के फॉल्ट तलाश कर उन्हें ठीक करने का कार्य भी हो रहा है। विद्युत हानि रोकने में स्मार्ट मीटर कारगर हैं। प्रदेश में 1 करोड़ 29 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ता हैं। प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रालय आगमन पर केंद्रीय मंत्री सिंह का स्वागत किया।