राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ मध्यप्रदेश का बजट सत्र
भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल के बजट सत्र के साथ शुरू हुआ। शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ। भाजपा विधायक गिरीश गौतम निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का संकल्प है-मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी, सबसे समृद्ध और विकसित राज्य बनाना। मेरी सरकार का ध्येय है-अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए अनवरत कार्य करना। लक्ष्य ह- शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों-नीतियों का लाभ पहुंचाना। प्रतिबद्धता है-सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मेरी सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम किया है। ग्यारह माह पहले विषम परिस्थितियों में सरकार ने प्रदेश का कार्यभार संभाला और कोरोना की चुनौती का बेहतर तरीके से सामना किया। पीपीई किट, टेस्टिंग किट और अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए बेड का प्रबंधन समय रहते किया। फ्रंट लाइन वर्कर्स और कोरोना योद्धाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जी-जान से काम किया। मुझे सदन को यह बताते प्रसन्नता है कि मेरी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पल लाने और नागरिकों की आजीविका की रक्षा के मोर्चे पर प्रभावी ढंग से काम किया।
लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों के लिए जो व्यवस्थाएं की गईं, उनकी देशभर में सराहना हुई। मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना लागू कर 1.55 लाख श्रमिकों को खातों में 15.50 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई। प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़े श्रम-सिद्धि अभियान के माध्यम से अकुशल प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया गया। यह सदन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन के प्रति आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने कोरोना की अग्निपरीक्षा में हमें सफल बनाया।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने सीएम हेल्प लाइन योजना का विस्तार किया गया। कोरोना काल में रेहड़ी पटरी वालों का रोजगार खत्म हो गया था। सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स योजना लागू कर 10-10 हजार रुपये बिना ब्याज के लोन उपलब्ध कराकर उन्हें फिर से जीवन यापन का रास्ता खोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने भू-माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की। इसमें 384 केस भूमाफिया के खिलाफ केस दर्ज किए गए। चिटफंड कपंनियों से 700 करोड़ रुपये पीडि़तों को वापस कराए गए।
सरकार ने अभियान चलाकर करीब 8 हजार 800 करोड़ रुपये की अवैध कब्जे की जमीन मुक्त कराई है। मिलावटखोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर 4 करोड़ से अधकि की मिलावटी खाद्य पदार्थ जब्त किये गये। धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम लागू किया गया। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से 9 हजार 500 से अधिक बेटियों को छुड़ाकर उनके परिवार तक पहुंचाया गया। भू स्वामित्व योजना लागू की गई, जिसमें ग्रामीणों को जमीन मालिक बनाने का काम सरकार ने किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की। कृषि कार्य के लिए 22 लाख उपभोक्ताओं को फ्लेट दरों पर और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 8 लाख कृषकों को निशुल्क बिजली दी जा रही है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता में दस गुना वृद्धि हुई है। मेरी सरकार ने गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए दो हजार किमी सडक़ों और 208 पुलों का निर्माण कराया। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में 118 नगरीय निकायों में 1512 करोड़ 99 लाख की जल प्रदाय योजनाएं पूरी की गई, जबकि 435 करोड़ की 37 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कल्याण योजना शुरू कर प्रदेश के किसानों के 4-4 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अब तक 35 लाख किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत 83 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेरी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थय से लेकर समाज की मूलभूत आवश्यकताओं का ध्यान केन्द्रित कर हर वर्ग के हित में काम किया है। आयुष चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए चार 50 विस्तरीय पंचकर्म सुर स्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में अब तक 37 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभान्वित कर 8 हजार करोड़ रुपये से अधिका का व्यय किया गया है। नई शिक्षा निती के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सीएम राइज योजना के माध्यम से प्रदेश के 9 हजार 200 सर्वसंसाधन संपन्न विद्यालयों की स्थापना की कार्ययोजना है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, घुमक्कड़,-अर्धघुमक्कड़ व अन्य पात्र विद्यार्थियों को 676 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरिक की गई।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत राज्य सरकार सहकारिता के क्षेत्र में सामान्य सुविधा केन्द्र के रूप में 1 हजार 800 पैक्स सहकारी समितियों का चयन किया गया है। रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा रहा है।
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से परिवारों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। पथविक्रेताओं कोलगभग 115 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज वितरित किया गया है। कोरोना महामारी के दौरान 17 वृहद उद्योग स्थापित हुए, जिनमें 1 हजार 231 करोड़ का निवेश हुआ और 4832 व्यक्तियों को रोजगार मिला। श्रमिकों के हित संरक्षक के लिए मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना में 456 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई। योजना में 01 लाख 90 हजार गरीब लाभान्वित हुए। इसके अलावा राज्यपाल ने अन्य योजनाओं का भी जिक्र किया।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम में सदन की कार्यवाही मंगलवार को सुबह 11.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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