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नई उद्योग नीति : सोनीपत में स्थापित होगा मैगा फूड पार्क : दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ : हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नई उद्यम एवं रोजगार नीति के तहत प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने में तेजी आएगी। सरकार की ओर से चार जिलों में बड़े स्तर पर औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की योजना है।

इसके साथ ही नई नीति के अंतर्गत सभी इंडस्ट्रियल एरिया में 5 प्रतिशत जगह भंडारण गतिविधियों के लिए रिजर्व रहेगी। मेगा और अल्ट्रा-मेगा प्रोजेक्ट्स में श्रमिक कानूनों से रियायत दी जाएगी। नए उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया करवाने का भी प्रावधान किया गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार नई नीति से इको-सिस्टम मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री गुरुवार को हरियाणा निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उचानी में एग्री टेस्टिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा

दुष्यंत ने नई योजनाओं के बारे में बताया कि सोनीपत में मैगा फूड पार्क स्थापित होगा और करनाल के उचानी में एग्री टेस्टिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। भिवानी में टैक्सटाइल पार्क, करनाल में ब्लक ड्रग पार्क तथा हिसार व सोहना में इलैक्ट्रिकल मैन्युफैक्चरिंग पार्क सरकार स्थापित करेगी। नई नीति में एक अहम बात यह भी है कि सभी इंडस्ट्रियल एरिया में 5 प्रतिशत जगह भंडारण गतिविधियों के लिए रिजर्व रहेगी। यानी इस एरिया में गोदाम बनाए जा सकेंगे। 

पिछले नीति के तहत प्रदेश में हुए निवेश से जुड़े सवाल पर दुष्यंत ने कहा कि पॉलिसी 2015 में बनाई गई थी, लेकिन यह लागू 2016 के बाद हुई। इसके तहत 2017 में 649 छोटे प्रोजेक्ट लगे और 2018-19 में 1003 नई औद्योगिक इकाइयां राज्य में स्थापित हुईं। 2019-20 में 1292 छोटे उद्योग स्थापित हुए। वहीं इस नीति के तहत 2017 से 2020 के दौरान 17 मैगा प्रोजेक्ट प्रदेश में आए।

डिप्टी सीएम ने कहा कि तीन साल के लिए मेगा और अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं को श्रमिक कानूनों से (न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 को छोड़कर) रियायत दी जाएगी। उर्जा से संबंधित उद्योगों को फैक्ट्री कानून-1948 से छूट के लिए श्रमिकों की न्यूनतम संख्या 20 से बढ़ाकर 40 की गई है।

उप मुख्यमंत्री बोले

दुष्यंत ने कहा कि उद्योगों में स्थानीय युवाओं का रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नई नीति में आर्थिक मदद का प्रावधान किया है। इसके तहत इंडस्ट्री में स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर 48 हजार रुपये प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति के हिसाब से सरकार उद्योग को देगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत आईटी, आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और कपड़ा उद्योग को सार्वजनिक उपयोगिताओं के रूप में घोषित किया जाएगा।

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सामान्य उद्योगों के मामलों में फर्श क्षेत्र अनुपात (एफआरए) को सामान्य 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 से 200 प्रतिशत किया जाएगा। संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया जाएगा, पूरे राज्य को औद्योगिकीकरण, सामाजिक-आर्थिक विकास, स्थानीय लाभ और विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के स्तर के आधार पर विभिन्न स्केल की प्रोत्साहन राशि के साथ 4 श्रेणियों ( ए, बी, सी और डी) में वर्गीकृत किया गया है। 

https://youtu.be/V43LJU2ecDo

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