दस्तक ब्यूरो देहरादून। सुशासन, आर्थिक विकास के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कल 22 दिसंबर की शाम को हुई कैबिनेट मीटिंग में सीएम धामी ने प्रदेश की सबसे लोकप्रिय महालक्ष्मी किट योजना में एक ऐसा बदलाव किया है, जिसे लिंगभेद पर सीएम धामी के कड़े प्रहार के रूप में देखा जाने लगा है। दरअसल, महालक्ष्मी किट योजना के तहत पुत्री के जन्म होने पर महालक्ष्मी किट प्रदान की जाती है, लेकिन, अब सीएम धामी ने इस योजना में पुत्री के साथ पुत्र को भी शामिल करने का फैसला लिया है, यानी अब पुत्र के जन्म होने पर भी महालक्ष्मी किट प्रदान की जायेगी।
क्या है महालक्ष्मी किटः
प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों व महिलाओं को पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है, ताकि किसी में आवश्यक पोषण की कमी न रहे। यहां गर्भवास्था के दौरान गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाता है, रजिस्ट्रेशन करने वाली महिलाओं की बेटी होने पर उन्हें राज्य सरकार द्वारा महालक्ष्मी किट प्रदान की जाती है। इसमें नवजात शिशु के लिए पौष्टिक आहार, कपड़े, साबुन, पाउडर जैसे दैनिक उपयोग की आवश्यक सामग्री होती है। कैबिनेट का फैसला लागू होने के बाद बेटा जन्म होने पर भी महिलाओं को महालक्ष्मी किट दी जा सकेगी।
जाहिर है कि सीएम धामी के इस फैसले से राज्य में एक तरफ लिंगभेद के खात्मे में मदद तो मिलेगी ही, साथ ही समाज में महिला-पुरूष में समानता की सोच भी विकसित हो सकेगी।