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फिर जोर पकड़ रही महाराष्ट्र आरक्षण की मांग, सीमा पर RAF तैनात, धारा 144 लागू

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है. हाल ही में अनशन करने वाले मनोज जरांगे पाटिल की अगुवाई में इस बार जालना से मुंबई तक पैदल मार्च किया जा रहा है. बुधवार को पुणे पहुंचे इस मार्च में बंपर भीड़ देखी गई. वहीं, महाराष्ट्र सरकार पूरी कोशिश में लगी है कि यह मार्च मुंबई में दाखिल ने होने पाए. इस मार्च को रोकने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन अदालत ने इसे रोकने से इनकार कर दिया. अब मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके अलावा, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर भारी संख्या में रैपिड ऐक्शन फोर्स समेत अन्य सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के अपने समर्थकों के साथ मुंबई में प्रवेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन महाराष्ट्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शहर की सड़कों पर जाम न हो. जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस श्याम चांडक की बेंच ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के पास आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब नहीं हो और शहर की सड़कें बाधित नहीं हों.

मार्च के मुंबई पहुंचने से पहले ही मुंबई पुलिस ने शहर में धारा 144 लागू कर दी है और किसी भी तरह के जुलूस या रैली पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, यह आदेश मंगलवार से ही लागू कर दिया गया है और अगले 15 दिन यानी 6 फरवरी तक लागू रहेगा. वहीं, मनोज जरांगे पाटिल का कहना है कि मराठा समुदाय के लगभग दो-ढाई करोड़ लोग मुंबई आएंगे. मराठा समुदाय के लोग 26 जनवरी को अपनी ताकत दिखाएंगे.

मनोज जरांगे पाटिल मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के सभी मराठा नागरिकों को कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग) जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाए. उनका कहना है, ‘सरकार की ओर से मराठवाड़ा के संभागीय आयुक्त मुझसे मिलने आए लेकिन मैंने अपनी मांग दोहराई कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण दिया जाए. जरांगे और उनके साथी इस बार मुंबई में अनशन पर बैठने वाले हैं.

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