नेपाल के उपचुनाव में मुख्य पार्टियों को लगा झटका
काठमांडू : नेपाल में तीन सीटों पर 23 अप्रैल को हुए संसदीय उपचुनाव में मुख्य पार्टियों को झटका लगा है। केपी शर्मा अली ( केपी शर्मा अली ) के नेतृत्व वाली सीपीएन (uml) समग्र रूप से तीसरे स्थान पर रही। नेपाली संसद की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर हार गई। तीनों क्षेत्रों में हुए मतदान के नतीजों ने बड़ी पार्टियों के लिए चुनौती बढ़ा दी है।
पिछले साल नवंबर में हुए संसदीय चुनावों के बाद रिक्त हुईं तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में केपी शर्मा अली के नेतृत्व वाली सीपीएन (यूएमएल) पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन तीनों जगह हार गई। इसी तरह संसद की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर हार गई। पिछले चुनाव में तनहुं-1 सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वर्तमान राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल जीते थे, लेकिन उपचुनाव में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के उम्मीदवार स्वर्णिम वाग्ले ने इसी क्षेत्र से जीत हासिल की है।आरएसपी का गठन हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने उपचुनाव में चितवन-2 से अधिक वोट प्राप्त करने में कामयाब रहे। लामिछाने से कांग्रेस और यूएमएल के उम्मीदवार चार गुना मतों से हार गए। बारा-2 सीट से जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र यादव जीते हैं। उन्हें जनमत पार्टी के उम्मीदवार शिवचंद्र कुशवाहा ने कड़ी चुनौती दी।
तीनों क्षेत्रों में हुए मतदान के नतीजों ने बड़ी पार्टियों के लिए चुनौती बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री एवं सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में माना कि चुनौती बढ़ गई है। इधर, नेपाली कांग्रेस के भीतर नई पीढ़ी के नेताओं ने उन मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया है, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी तरह यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने अपने गृह जिले झापा पहुंचकर कहा कि उनकी पार्टी की चारों तरफ से घेराबंदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह इसे तोड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।