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मंईयां सम्मान योजना : हेमंत का मास्टर स्ट्रोक

उदय चौहान

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। इस सौगात के बाद झारखंड की महिलाओं का पूरा समर्थन हेमंत सोरेन के पाले में आने की उम्मीद जताई जा रही है। सियासी जानकारों की मानें तो हेमंत ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। इस सौगात के बाद झारखंड की आधी आबादी का वोट हेमंत सोरेन ने पक्का कर लिया है। झारखंड में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले प्रदेश के हेमंत सोरेन सरकार ने रांची में एक बड़ा ‘शक्ति प्रदर्शन’ किया। यूं तो यह कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ की लाभार्थियों से संवाद के लिए आयोजित हुआ, लेकिन इसमें हेमंत सोरेन ने अपने भाषण का बड़ा हिस्सा सियासी मुद्दों पर केन्द्रित रखा। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस कार्यक्रम ने राज्य में पिछले सभी कार्यक्रमों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री मंईयां योजना का लाभ सिर्फ झारखंड की महिलाओं को मिलेगा। इसके लिए लाभार्थी को झारखंड का निवासी होना अनिवार्य होगा। महिलाओं को आवेदन के साथ-साथ आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, आधार लिंक्ड सिंगल बैंक खाते की फोटो कॉपी देनी होगी। जिनका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, वह भी योजना का लाभ दिसंबर 2024 तक उठा सकती हैं। वैसी महिलाएं जो सरकारी नौकरी या निजी क्षेत्र में ऊंचे पद पर हैं और जिनकी इपीएफ या आयकर जमा होती है उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। इधर, इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं में खासा उत्सुकता देखी जा रही है। इधर, झारखंड में 21 से 50 साल की 50 लाख महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने की हेमंत सोरेन सरकार की योजना पर सियासी तकरार छिड़ गई है। हेमंत सोरेन और उनके पार्टी के मंत्रियों के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता इस योजना को महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम बता रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्ष ने इसे विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जनता को ठगने वाला झुनझुना करार दिया है। दोनों तरफ से बयानों के तीर चल रहे हैं। सरकार ने इस योजना का नाम ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ रखा है। झारखंड की स्थानीय भाषाओं-बोलियों में बहन-बेटी को ‘मंईयां’ से संबोधित किया जाता है। पूर्व सीएम चंपई सोरेन की कैबिनेट ने 28 जून को इस योजना पर मुहर लगाई थी और इसका नाम ‘झारखंड मुख्यमंत्री माई-कुई (मां-बेटी) प्रोत्साहन योजना’ रखा था। उस वक्त हेमंत सोरेन जेल में थे। जमानत पर जेल से बाहर आने के सातवें दिन हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन की जगह सीएम की कुर्सी संभाली और इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने कैबिनेट की बैठक में इस योजना का नाम बदल डाला।

योजना के लाभार्थियों की सूची तैयार करने का निर्देश
इस योजना के तहत पहले 40 लाख लाभार्थियों को टारगेट किया गया था और इस पर सरकारी खजाने से प्रति वर्ष 5,500 करोड़ खर्च का अनुमान था। अब सरकार चुनाव की घोषणा के पहले 40 लाख की जगह 50 लाख महिलाओं के बैंक अकाउंट में स्कीम की कुछ किस्त ट्रांसफर करने की तैयारी में जुटी हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन इस स्कीम को किस तरह चुनावी मास्टर स्ट्रोक के रूप में इस्तेमाल करने जा रहा है, उसे समझना मुश्किल नहीं है। सीएम हेमंत सोरेन ने 4 और 5 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस स्कीम को लेकर कुल 26 पोस्ट-रिपोस्ट किए हैं। हर जिले में इसके लिए स्पेशल कैंप लगाए गए हैं, जहां लाभार्थियों की लिस्टिंग के लिए फॉर्म जमा कराए जा रहे हैं। इसके लिए अलग से पोर्टल लॉन्च किया गया है और जिलों में योजना का प्रचार करने के लिए विशेष रथ रवाना किए गए हैं। जिलों के उपायुक्तों के साथ पूरे सरकारी अमले को फिलहाल इस योजना को टॉप प्रायोरिटी रखते हुए लाभार्थियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इस योजना की शुरुआत पर मुख्मंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, झारखंड की मेरी प्यारी बहनों, जोहार! आपकी आशाओं-आकांक्षाओं और मेहनत को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की गई है। राज्यभर में योजना को लेकर आप लाखों बहनों में अद्भुत उत्साह है। इसके लिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देते हुए जोहार करता हूं।

योजना को लेकर विपक्ष हमलावर
राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी, योजना को सरकार की ओर से अपनी विफलताओं को ढकने के लिए प्रलोभन देने वाली चुनावी स्कीम बता रही हैं। लाभार्थियों के आवेदन फॉर्म भरने के नाम पर कई जगहों से अवैध वसूली की आ रही खबरों और शिकायतों को लेकर भी पार्टी के नेता सरकार को घेर रहे हैं। राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोमवार को इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा और वीडियो मैसेज भी जारी किया। उन्होंने हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा, ‘सावधान झारखंड कितना ठगिएगा महाराज?… मंईयां सम्मान नहीं, मंईयां परेशान योजना। महाठग झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार एक और ठगी का प्रयास कर रही हैं, राज्य की जनता सावधान व सतर्क रहें।’ बाउरी ने आगे लिखा, इन्होंने महिलाओं से ये वादा किया था कि सरकार बनते ही गरीब महिलाओं के खातों में सालाना 72 हजार रुपये दिए जाएंगे, इस हिसाब से पांच साल का आंकड़ा तीन लाख साठ हजार होगा। लेकिन, चुनाव से पूर्व आखिरी 2-3 महीने के लिए ठगने की योजना से ठगबंधन सरकार केवल एक हजार रुपये देने वाली है। 2019 का चुनाव ठगबंधन ने झूठे वादों पर लड़ा। इस बार ये चुनाव प्रलोभन के सहारे लोगों को ठगकर लड़ने की तैयारी है।’

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