पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा, आतंकियों संपर्क में थे 10 से ज्यादा मददगार, एनक्रिप्टेड चैट्स से चला मौत का खेल

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के शांत पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिनमें से सभी पुरुष थे। अब इस भयावह हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है — चारों आतंकी न केवल पाकिस्तान से प्रशिक्षित होकर आए थे, बल्कि उन्हें स्थानीय स्तर पर 10 से अधिक ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) का पूरा नेटवर्क मदद पहुंचा रहा था।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकियों और उनके मददगारों के बीच लगातार एनक्रिप्टेड मोबाइल एप्स और चीनी सैटेलाइट तकनीक के जरिए संपर्क बना हुआ था। इससे साफ होता है कि हमले की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई गई थी, जिसमें तकनीक और क्षेत्रीय नेटवर्क का भरपूर इस्तेमाल किया गया।
टारगेट चुनने से लेकर कत्ल तक— सब कुछ सुनियोजित
हमले के तरीके ने सुरक्षा एजेंसियों को भी चौंका दिया है। हमलावरों ने टूरिस्ट्स को धर्म के आधार पर पहचाना— पहले उनसे कलमा पढ़वाया गया, फिर कपड़े उतरवाकर जांच की गई। महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया गया, जबकि पुरुषों को बेरहमी से गोली मारी गई। इससे आतंकियों के नापाक इरादों का अंदाजा लगाया जा सकता है— वे समाज में नफरत और डर फैलाना चाहते थे।
पाकिस्तान का सीधा कनेक्शन
हमले में शामिल चारों आतंकियों में से दो पाकिस्तानी नागरिक थे, और बाकी ने पाकिस्तान में जाकर आतंकी ट्रेनिंग ली थी। यही नहीं, हमलावरों को लगातार सीमा पार से निर्देश दिए जा रहे थे। भारत सरकार को इस बात के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं कि यह हमला पाकिस्तान प्रायोजित था।
भारत की कड़ी कार्रवाई
घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई निर्णायक कदम उठाए हैं:
सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया, जिससे पाकिस्तान को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
अटारी बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया।
नई दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी हाई कमीशन के डिफेंस एडवाइजर्स को देश छोड़ने को कहा गया।
दोनों देशों के हाई कमीशन में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी गई है।