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मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व, इस बार बनेंगे तीन खास संयोग

नई दिल्ली : नववर्ष की शुरुआत होने के बाद मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है जोकि भगवान सूर्य देव से संबंधित होता है. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य हर माह राशि परिवर्तन करते हैं. लेकिन जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करते हैं उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है. इस साल सूर्य 14 जनवरी रात्रि में मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए 15 जनवरी के दिन मकर संक्रांति या उत्तरायण का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा.

विशेषकर उत्तर भारत के कई हिस्सों में मकर संक्रांति पर्व की धूम देखने को मिलती है. वहीं असम में इसे बीहू और दक्षिण में पोंगल के रूप में मनाया जाता है. ज्योतिष के अनुसार इस साल मकर संक्रांति का पर्व कई मायनों में खास रहने वाला है, क्योंक इस साल मकर संक्रांति पर एक नहीं बल्कि पूरे तीन विशेष योग बनेंगे. जानते हैं इन विशेष योग से कैसे खास बनेगा मकर संक्रांति का पर्व.

ज्योतिष के अनुसार, इस साल 2023 में मकर संक्रांति पर रोहिणी नक्षत्र का खास संयोग बनेगा. इस दिन रोहिणी नक्षत्र शाम 8:18 मिनट तक रहेगा. रोहिणी नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है. इस नक्षत्र में मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ करने से विशेष फल मिलता है. इसके साथ ही मकर संक्रांति के दिन आनंदादि और ब्रह्म योग का शुभ संयोग भी बनने वाला है.

ज्योतिष के अनुसार ब्रह्म योग को किसी भी कार्य के लिए बहुत ही शुभ माना गया है. इस योग में किसी भी कार्य की शुरुआत करने से वह सफल होता है. वहीं आनंदादि योग में किए गए कार्य या पूजा-पाठ में हर तरह की सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है और इसे भी बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इन शुभ योग में किए गए कार्यों में किसी तरह के विघ्न या बाधाएं नहीं पड़ती.

इस साल मकर संक्रांति 2023 पर सूर्य ग्रह के साथ ही साथ चंद्रमा, शनि, बुध और गुरु ग्रह भी मकर राशि में होंगे. ज्योतिष की मानें तो इस कारण से भी इस साल मकर संक्रांति तिथि बहुत ही शुभ होगी, जिसमें स्नान, दान और पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होगी.

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