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आयुर्वेद और बादाम के साथ सुबह को बनाएं और भी खास

अल्मंड बोर्ड ऑफ कैलिफ़ोर्निया ने ‘आयुर्वेदिक ज्ञान’ पर की परिचर्चा

अर्पिता तिवारी

लखनऊ : सुबह का समय पूरे दिन की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाता है। आयुर्वेद में ‘दिनचर्या’ का विशेष महत्व है, यह एक दैनिक अनुशासन है जो आत्म-देखभाल को बढ़ावा देता है। इस दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है– प्रातःकाल जल्दी उठना और एक निश्चित सुबह की दिनचर्या का पालन करना। सरल आयुर्वेदिक आदतें जैसे ‘ब्रह्म मुहूर्त’ में उठना, योग, ध्यान, प्राणायाम (सजग श्वास तकनीक), ऑयल पुलिंग (तेल कुल्ला), गुनगुना पानी पीना और सुबह के समय बादाम का सेवन, ये सभी मिलकर आपकी सुबह को सकारात्मक रूप से रूपांतरित कर सकते हैं और दिनभर के लिए बेहतर स्वास्थ्य की नींव रख सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली, विशेष रूप से दिनचर्या और सुबह की आदतों के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अल्मंड बोर्ड ऑफ कैलिफ़ोर्निया ने लखनऊ स्थित होटल ‘द रेनिसां’ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसके अंतर्गत एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसका शीर्षक था ‘आयुर्वेदिक ज्ञान से करें दिन की शुरुआत’।

इस चर्चा में विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे सुबह की छोटी-छोटी, सजग आदतें, जैसे कि बादाम को अपने आहार में शामिल करना दीर्घकालिक स्वास्थ्य और संपूर्ण जीवनशैली को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इस पैनल चर्चा में विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.मधुमिता कृष्णन, पोषण विशेषज्ञ ऋतिका समद्दार (रीजनल हेड, डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर, नई दिल्ली), और लोकप्रिय टेलीविज़न अभिनेत्री रोशनी चोपड़ा शामिल रहीं। इस संवाद का संचालन रेडियो जॉकी समरीन ने किया।

सेहत बढ़ाने के साथ ही त्वचा को निखारता है बादाम : डॉ.मधुमिता

दिनचर्या और उसमें सुबह की भूमिका के महत्व पर जोर देते हुए आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. मधुमिता कृष्णन ने कहा, यदि हम सुबह की शुरुआत सही तरीके से करें तो उसका सकारात्मक प्रभाव पूरे दिन पर पड़ता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठना, ऑयल पुलिंग, योग, ध्यान, भीगे हुए बादाम का सेवन और शरीर को हाइड्रेट करने के लिए गुनगुना पानी पीना, ये सभी अभ्यास शरीर और मन में संतुलन स्थापित करते हैं और व्यक्ति को तरोताज़ा, ऊर्जावान और केंद्रित महसूस कराते हैं। भीगे हुए बादाम का सेवन विशेष रूप से पीढ़ियों से एक सुबह की परंपरा रही है, क्योंकि यह समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, दोषों को संतुलित करता है और त्वचा की देखभाल में सहायक होता है। ये पारंपरिक अभ्यास आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं और इन्हें रोज़मर्रा की दिनचर्या में आसानी से शामिल किया जा सकता है। आयुर्वेद में आहार को संपूर्ण स्वास्थ्य का आधार माना गया है।”

रीजनल हेड डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर, नई दिल्ली, रितिका समद्दार ने कहा सुबह के समय सही पोषण न केवल ऊर्जा और एकाग्रता को बढ़ाता है, बल्कि दिन की अच्छी शुरुआत के लिए भी आवश्यक है। बादाम विशेष रूप से लगभग 15 पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें प्रोटीन,डायटरी फाइबर, हेल्दी फैट्स, मैग्नीशियम और ज़िंक शामिल हैं। ये पोषक तत्व ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने, भूख को नियंत्रित करने और लंबे समय तक अच्छे स्वास्थ्य को सहयोग देने में मदद करते हैं। सुबह की शुरुआत बादाम के साथ करने से लंबे समय तक पेट भरा महसूस होता है और समग्र सेहत को भी लाभ मिलता है। इन्हें अपने नाश्ते में शामिल करना बेहद आसान है- जैसे ओट्स, दलिया या पॉरिज पर कटे हुए बादाम डालकर क्रंच और प्रोटीन बढ़ाना, या फलों व सब्जियों की स्मूदी में बादाम या बादाम बटर मिलाना।

बचपन से ही मेरी दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं बादाम : रोशनी चोपड़ा

चर्चा में योगदान देते हुए लोकप्रिय टेलीविज़न अभिनेत्री रोशनी चोपड़ा ने अपना अनुभव साझा किया कि कैसे बादाम उनके बचपन से ही सुबह की दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा, सुबह का समय मुझे सबसे प्रिय लगता है, क्योंकि यह वो पल होते हैं जब मैं अपने दिन के लिए सकारात्मक सोच और लक्ष्य तय करती हूं। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि जल्दी उठूं, व्यायाम करूं, पोषक आहार लूं और इस समय का भरपूर उपयोग करूं। बचपन से मेरी एक आदत रही है- सुबह बादाम खाना। मुझे आज भी याद है कि मेरी मां रोज़ाना मुझे भीगे हुए बादाम देती थीं, और अब वही परंपरा मैं अपने बेटे के साथ भी निभा रही हूं। आज भी, चाहे लंबे शूट हों या व्यस्त दिनचर्या, बादाम मेरे लिए एक स्थायी साथी हैं, ये मुझे स्थिर ऊर्जा देते हैं और फोकस बनाए रखने में मदद करते हैं।

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