वाहन चालकों को सीटबेल्ट लगाने व हेलमेट के उपयोग के लिए करें जागरूक – कलेक्टर
रीवा : कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि चार पहिया वाहन चालकों को सीटबेल्ट लगाने व दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगाकर वाहन चलाने के लिए जागरूक किया जाए। हाईवे पर सीटबेल्ट लगाकर न चलने वाले चार पहिया वाहन चालकों के खिलाफ चालान की कार्यवाही भी की जाए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बस वाहन चलाते समय मोबाइल के उपयोग को रोकने हेतु सख्ती बरतने के लिए बस में हिदायत लिखी जाए तथा एक मोबाइल नम्बर भी अंकित किया जाए जिसमें फोन कर संबंधित वाहन चालक की शिकायत की जा सके। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए अभिभावकों से उनके बच्चे यह संकल्प लें कि उनके परिजन सुरक्षा मानकों का अनिवार्यत: पालन करेंगे।
कलेक्टर ने कहा कि स्कूल बसों में सुरक्षा उपायों की नियमित जांच करें। स्कूल संचालकों तथा आटो यूनियन के साथ बैठक करके बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें। समिति की बैठक में दुर्घटनाएं रोकने के लिए जो निर्णय लिए जाते हैं उन्हें कठोरता से लागू करें।
कलेक्टर ने कहा कि शहर में सड़कों पर हो रहे अतिक्रमण को कठोरता से हटाएं। हाकर्स जोन में ठेलों को खड़े करवाने तथा आटो स्टैण्ड में आटो को व्यवस्थित ढंग से खड़े कराते हुए निर्धारित मार्गों से सवारी लेकर जाने की व्यवस्था कर सख्ती बरती जाए। हाईवे में पर्याप्त संख्या में संकेतक लगाएं। गति अवरोधक बनाने के लिए सड़क सुरक्षा समिति का अनुमोदन लिया जाना अनिवार्य है। दुर्घटना होने पर हेल्पलाइन नम्बर 1099 एवं 1033 में फोन करके इनसे सेवाएं ली जा सकती हैं। हेल्पलाइन नम्बर का व्यापक प्रचार प्रसार कराएं। कलेक्टर ने रीवा सीधी सड़क में मोहनिया घाटी की खराब सड़क को तत्काल सुधार कराने के निर्देश संबंधित निर्माण एजेंसी को दिए। उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा संकेतक लगाकर लोगों को निर्धारित मापदण्डों का पालन करने के लिए जागरूक करें।
बैठक में पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि शहर में बड़ी संख्या में ई रिक्शा चल रहे हैं। इन पर भी कड़ी निगरानी रखें। निर्धारित स्थल से अलग यदि आटो रिक्शा अथवा अन्य सवारी वाहन खड़ा होता है तो कार्यवाही करें। हाइवे के अनावश्यक कट्स अनिवार्य रूप से बंद कराएं। गुड समरिटन योजना के तहत दुर्घटना के एक घण्टे के अंदर पीड़ित को अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने वाले को पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दुर्घटना पीड़ितों को सहायता पहुंचाने वालों को इस योजना का लाभ दें। दुर्घटना से बचाने वालों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया जाय।
बैठक में चौराहों की रोटरी कम करने, हाईवे पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के संबंध में भी निर्णय लिए गए। बैठक मेंअपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर, प्रभारी आयुक्त नगर निगम शैलेन्द्र शुक्ल,परिवहन अधिकारी मनीष त्रिपाठी, डीएसपी यातायात मनोज शर्मा, यातायात प्रभारी दिलीप तिवारी, कार्यपालन यंत्री नगर निगम एसपी चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री एमपीआरडीसी एचएन गौतम तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।