मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट, विवाद के चलते उठाना पड़ रहा है नुकसान
नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच बीते कुछ महीनों से चल रहे कूटनीतिक विवाद का असर मालदीव के पर्यटन पर पड़ता दिख रहा है। विवाद के चलते मालदीव को इसकी कीमत पर्यटन कारोबार में नुकसान उठाकर चुकानी पड़ रही है। मालदीव की न्यूज़ वेबसाइट अधाधू के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल के मुक़ाबले इस साल मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 33 फ़ीसदी की कमी आई है। इन आंकड़ों के अनुसार बीते साल के आंकड़े बताते हैं कि 04 मार्च 2023 तक 41,054 भारतीय पर्यटक मालदीव गए थे। जबकि 02 मार्च 2024 तक मालदीव में पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या घटकर 27,244 हो गई है।
चीनी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
बीते साल मालदीव जाने वाले पर्यटकों के मामले में भारत दूसरा सबसे बड़ा देश था लेकिन इस साल भारत दूसरे पायदान से गिरकर छठे स्थान पर आ गया है। 2021 से 2023 के बीच पर्यटकों के मामले में भारत सबसे ऊपर था। अधाधू की रिपोर्ट के अनुसार मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स ने भारतीय पर्यटकों द्वारा बुकिंग रद्द करने से जुड़ा एक सर्वेक्षण भी किया, लेकिन रिजल्ट सार्वजनिक नहीं किए गए। हालांकि चीन और मालदीव के बीच संबंध मजबूत होने के कारण इस साल अब तक 54,000 से अधिक पर्यटकों के आगमन के साथ चीन शीर्ष बाजार बन गया है।
नवंबर 2023 में शुरु हुआ था विवाद
गौरतलब है कि चीन समर्थक नेता राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नवंबर 2023 में शपथ लेने के बाद राजनयिक विवाद शुरू हुआ था। इस दौरान मुइज्जू के पहले कदमों में से एक भारत से अपने सभी सैनिकों को वापस लेने की मांग करना था। मुइज्जू ने मालदीव की परंपरा तोड़ते हुए अपनी पहली विदेश यात्रा पर नई दिल्ली के बजाय बीजिंग जाने का फैसला किया था। विवाद तब और बिगड़ गया जब मालदीव के तीन उपमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की थी। दरअसल, पी.एम. मोदी ने लक्षद्वीप यात्रा और भारतीय द्वीप समूह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का आह्वान किया था।