अन्तर्राष्ट्रीय

बीजिंग में हुई मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बेइज्जती, चीन ने नहीं दिया कोई भाव

नई दिल्ली: मालदीव और भारत के बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पांच दिवसीय चीन के दौरे पर पहुंचे। चीन में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बेइज्जती हुई। यहां उनको चीन का कोई सीनियर लीडर रिसीव करने नहीं पहुंचा। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पहले विदेशी दौरे पर चीन पहुंचे हुए हैं। उनका यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब भारत और मालदीव के बीच तनाव पैदा हो गया है।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू आठ जनवरी को चीन की यात्रा पर आ रहे हैं और इस दौरान शी चीनफिंग तथा मुइज्जू देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। दोनों नेता कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि राष्ट्रपति शी आठ-12 जनवरी तक राजकीय यात्रा पर आ रहे मुइज्जू के स्वागत में भोज देंगे। दोनों राष्ट्राध्यक्ष बातचीत करेंगे और ‘सहयोग दस्तावेजों के हस्ताक्षर समारोह’ में भाग लेंगे।

मालदीव सरकार के ढीले पड़े तेवर
बता दें कि मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक मंत्री की ‘‘अपमानजनक टिप्पणियों’ से रविवार को किनारा कर लिया और कहा कि ‘‘ये उनकी व्यक्तिगत राय हैं और वे सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।” विपक्षी नेताओं ने मंत्री की इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की थी जिसके बाद मालदीव सरकार ने यह बयान जारी किया।

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि वे ‘‘विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों” से अवगत हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘ये विचार व्यक्तिगत हैं और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।” पिछले दिनों तब विवाद खड़ा हो गया था जब लक्षद्वीप के एक समुद्र तट का वीडियो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पोस्ट किये जाने के बाद मालदीव की एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने उनके (मोदी) खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनक टिप्पणियां’ की थीं।

मालदीव सरकार ने कहा कि उसका मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए और इनसे घृणा तथा नकारात्मकता नहीं फैलनी चाहिए और मालदीव तथा उसके अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच घनिष्ठ संबंधों में बाधा नहीं आनी चाहिए। उसने चेतावनी दी कि सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं करेंगे।

पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने की भारत की तारीफ
इस बीच रविवार को, पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने टिप्पणियों को ‘‘भयानक” बताया और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार से इन टिप्पणियों से दूरी बनाने को कहा। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मैं मालदीव सरकार की अधिकारी शिउना द्वारा विश्व के एक प्रमुख नेता के प्रति इतनी अपमानजनक भाषा की निंदा करता हूं। मुइज्जू को इन टिप्पणियों से किनारा करना चाहिए और भारत को स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए कि ये टिप्पणियां सरकार की नीति को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं।”

मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने मालदीव के राजनीतिज्ञों के एक समूह द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणियों की ‘‘कड़ी निंदा” की। अदीब ने कहा, ‘‘हमने आतिथ्य, सहिष्णुता, शांति और सद्भाव के सिद्धांतों के आधार पर मालदीव में पर्यटन उद्योग की स्थापना की। भारत सहित वैश्विक ब्रांड और निवेशों के जरिये हमने मालदीव को एक प्रमुख रिसॉर्ट गंतव्य के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं मालदीव के राजनीतिज्ञों के एक समूह द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और भारत के प्यारे नागरिकों के प्रति की गई किसी भी अपमानजनक और नस्लवादी टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं।”

मालदीव नेशनल पार्टी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह एक विदेशी नेता के खिलाफ ‘‘एक सरकारी अधिकारी द्वारा की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा करती है।” इसने कहा, ‘‘यह अस्वीकार्य है। हम सरकार से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।”

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