नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत लगभग पक्की मानी जा रही है। लगभग 24 वर्षों के बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता अध्यक्ष बनने वाला है। लेकिन, उनकी उम्मीदवारी और जीत की संभावना के साथ एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूले को लेकर बहस भी शुरू हो चुकी है। खड़गे चुनाव जीतकर अध्यक्ष पद की कमान संभालते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए राज्यसभा में नेता विपक्ष का पद त्यागना होगा।
ऐसा इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि इससे पहले दौड़ में एक तरफा आगे चल रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने भी यही सवाल सामने आया था, मगर, हाईकमान के भरोसे पर खरे नहीं उतर सके और अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी से ही बाहर हो गए। बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व फरवरी 2021 में राज्यसभा में नेता विपक्ष का पद संभाला था। पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद खड़गे को उच्च सदन में विपक्ष के नेता के पद से त्यागपत्र देना होगा। ऐसे में खड़गे की जगह नया नेता विपक्ष बनना पक्का है। इस दौड़ में दिग्गज नेता पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और केसी वेणुगोपाल समेत कई नेता दौड़ में शामिल हैं।
बता दें कि, मल्लिकार्जुन खड़गे दक्षिण भारत से आते हैं। ऐसे में यह संभावना कम है कि उच्च सदन में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी किसी दक्षिण भारतीय नेता को सौंपी जाए। पार्टी यह निर्णय लेती है, तो पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश रेस से बाहर हो जाएंगे। ऐसी हालत में दिग्विजय सिंह विपक्ष के नेता पद के लिए प्रबल दावेदार बन सकते हैं।