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सभी जनप्रतिनिधियों के लिए कोरोना से बचाव के हो प्रबंध: अखिलेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के 20 अगस्त से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र को लेकर समाजवादी पार्टी ने कोरोना से बचाव के लिहाज से उचित प्रबन्ध करने की मांग की है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट किया कि प्रदेश में कोरोना के विस्तार व प्रकोप को देखते हुए विधानसभा सत्र से पहले सभी जनप्रतिनिधियों के लिए कोरोना से बचाव के समुचित प्रबंध किए जाएं।

हालांकि इस सम्बन्ध में पहले ही दो गज की दूरी बनाए जाने से लेकर कई अहम निर्णय किए जा चुके हैं। तय किया गया है कि मानसून सत्र से पहले सभी विधायकों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। साथ ही सभी विधायकों के लिए मास्क लगाना भी अनिवार्य है। तीन दिवसीय सत्र में सरकार अनुपूरक बजट नहीं पेश करेगी, लेकिन छह से अधिक अध्यादेश व विधेयक पारित किए जाएंगे। कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए 19 अगस्त को कार्यमंत्रणा व सर्वदलीय बैठक होगी।

प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक कोरोना के कारण यह सत्र छोटा होगा। कोरोना के मद्देनजर पहली बार ऐसा मौका होगा जब दर्शक दीर्घा में दर्शक नहीं विधायक बैठेंगे। एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था होने के कारण नेता सदन और संसदीय कार्यमंत्री भी पहली बार अलग अलग बैठेंगे। ‘हां’ व ‘ना’ की लॉबी को खुला रखा जाएगा।

इसके साथ ही पूर्व सांसदों, विधायकों को जो स्थायी पास ‘प्रवेश पत्र’ उपलब्ध होता है, वह सत्र के दौरान स्थगित रहेगा। इस तरह वह भी मानसून सत्र में सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे। प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनर की व्यवस्था होगी। मानसून सत्र में कैफिटेरिया बंद रहेगी। इस वजह से मंत्रियों-विधायकों के लिए जलपान की भी व्यवस्था नहीं होगी। हालांकि चाय व काढ़ा पीने की व्यवस्था की गई है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय एयर कंडीशनिंग प्रणाली में विशेष फिल्टर का उपयोग किया जाएगा।

मानसून सत्र के पहले दिन 20 अगस्त को भाजपा के वीरेंद्र सिरोही, कमल रानी वरुण, चेतन चौहान तथा सपा के पारसनाथ यादव के निधन पर शोक में सदन की कार्यवाही नहीं होगी। विधानमंडल का मानसून सत्र 20 से 24 अगस्त तक चलेगा। हालांकि विधायी कार्य दो दिन ही होंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पहले दिन 20 अगस्त को विधायकों के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद कार्यवाही स्थगित होगी। 21 अगस्त को विधायी कार्य के अलावा अध्यादेश व अधिसूचनाएं सदन के पटल पर प्रस्तुत की जाएगी। 22 व 23 अगस्त को शनिवार-रविवार के कारण बैठक नहीं होगी। 24 को विधायी कार्य के बाद सदन स्थगित कर दिया जाएगा।

इस बीच एक तरफ सरकार जहां कोरोना की चुनौती के बीच मानसून सत्र को सुव्यवस्थित बनाने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं विपक्ष भी सरकार को घेरने में जुट गया है। इस वजह से सदन का हंगामेदार होना तय माना जा रहा है। विपक्ष कोरोना प्रसार रोकने को सरकार के इंतजामों पर सवाल उठाने से लेकर कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर सरकार की घेरने की कोशिश करेगा।

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