व्यापार

मंडी भाव: खाद्य तेलों के भाव 50 रुपये लीटर तक गिरे, लेकिन उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा लाभ

नई दिल्ली : विदेशों में खाद्य तेलों के भाव लगभग 50 रुपये लीटर के हिसाब से नरम हुए हैं पर इस गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहा है। इस समस्या को सुलझाने की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। बाजार सूत्रों ने कहा कि मूंगफली, बिनौला के मुकाबले सरसों तेल अभी भी सस्ता है और इसलिए इसकी खपत बढ़ी है। सरसों का इस बार सहकारी खरीद एजेंसियों के पास स्टॉक भी नहीं है और अगली फसल में अभी लगभग साढ़े आठ माह की देर है। आगे जाकर त्योहारों के समय सरसों की दिक्कत बढ़ेगी।

दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन, पामोलीन, मूंगफली, सीपीओ, बिनौला सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव में तेजी दिखी। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 5.5 फीसद की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज में लगभग 1.25 फीसद की मजबूती है। विदेशों में इस तेजी के कारण स्थानीय तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया। उधर इंदौर के संयोगितागंज अनाज मंडी में सोमवार को चना कांटा 25 रुपये और मूंग के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की कमी शनिवार की तुलना में हुई। तुअर (अरहर) 50 रुपये प्रति क्विंटल महंगी बिकी।

सोयाबीन की जगह मक्के की बुवाईसूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश सागर के एक आढ़तिया नीलेश जैन ने कहा कि प्रदेश में इस बार किसान सोयाबीन की जगह मक्के की बुवाई में रुचि दिखा रहे हैं।

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