2 घंटे चली बहस फिर भी मनीष सिसोदिया को नहीं मिली जमानत, अब 18 अप्रैल को अगली सुनवाई
नई दिल्ली: दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर ED की ओर से वकील ज़ोहेब हुसैन दलीलें रख रहे हैं. ED ने कहा कि कोई भी पॉलीसी टेलीपैथिकली नहीं बनाई जाती है, सिर्फ दिमाग में कोई पॉलिसी नहीं बनाई जाती है. ED ने कहा कि लाइसेंस फीस बढ़ने से प्रॉफिट मार्जिन बढ़ेगा इसका कोई लॉजिक समझ नहीं आता है. ED ने कहा कि GOM की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
मनीष सिसोदिया की ओर से ईडी के जवाब में कहा गया है कि ED बिना अधिकार क्षेत्र के उनकी जांच कर रहा है. मनीष सिसोदिया के वकीलों ने कहा कि अपराध की अवश्य जांच की जानी चाहिए और इस संबंध में कानून द्वारा सशक्त अधिकारियों की ओर से प्रयास किया जाना चाहिए. मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2022 के ऐतिहासिक फैसले के अनुसार, ED उन अपराधों के कथित कमीशन की जांच करने की शक्तियां नहीं हैं, अगर ED की व्याख्या को मान लिया जाए तो पुलिस/CBI का अधिकार क्षेत्र पूरी तरह से ED द्वारा अधिग्रहित कर लिया जाएगा. यह कानूनी प्रावधानों के बिल्कुल उलट है.
मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा कि ED का अधिकार क्षेत्र सिर्फ अपराध की आय के साथ मनी-लॉन्ड्रिंग के अपराध तक है, ED के पास इस आरोप साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है और कोई सामग्री नहीं है. साथ ही मनीष सिसोदिया से कोई भी बरामदगी नहीं है, जो रिश्वत लेने का समर्थन करता हो. सिसोदिया के वकीलों ने कहा कि,जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट से संतुष्ट, मनीष सिसोदिया के भागने का खतरा नहीं है. सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप पूरी तरह से अस्पष्ट और काल्पनिक है.
ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मनीष सिसोदिया ने गवाहों को प्रभावित किया हो. सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद के बयान पूरी तरह से अविश्वसनीय हैं, बयान बदलते रहते हैं और कई विरोधाभासों से भरे हुए हैं. सी अरविंद के पहले के बयान में उल्लेख किया गया था कि वे मंत्री समूह (GOM) की सभी बैठकों में उपस्थित थे. बाद में उन्होंने बयान बदल दिया और कहा कि वे 6 बैठकों में अनुपस्थित रहे. सी अरविंद के बयानों में कुल 6 ऐसे बड़े विरोधाभास हैं, जो उनके बयानों को पूरी तरह से अविश्वसनीय बताते हैं.
ईडी के सवालों का जवाब देते हुए सिसाेदिया के वकीलों ने कहा, लाभ मार्जिन में 5 से 12 % की वृद्धि उचित थी और प्रासंगिक नीतिगत विचारों के आधार पर वैश्विक वितरण मानकों, माल और बीमा के लिए आवश्यक उच्च स्तर के निवेश की आवश्यकता थी. पॉलिसी दस्तावेज के दोनों मसौदों में शराब के थोक व्यापार से होने वाले मुनाफे को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है. जी बुच्ची बाबू के फोन में दिल्ली आबकारी नीति का कोई अंश नहीं मिला है, जैसा कि ED ने आरोप लगाया. केवल सामान्य नीति उद्देश्यों वाले संदेश मिले, स्वयं नीति का कोई पुनरुत्पादन नहीं है. GOM द्वारा स्वीकृत रवि धवन समिति की कई सिफारिशों का खंड वार विवरण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए.
उधर, आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.आम आदमी पार्टी के विधायक और सैकड़ों कार्यकर्ता दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर इकट्ठा हुए.