विकास योजनाओं में 70 फीसदी बजट ही खर्च कर पाए कई विभाग, धरा रह गया 30 प्रतिशत
यूपी : उत्तर प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं का बजट खर्च करने में विभिन्न विभाग पिछड़ गए हैं। शुक्रवार को खत्म हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 के कुल बजट का ये विभाग करीब 70 फीसदी ही खर्च कर सके। 30 फीसदी पैसा धरा ही रह गया। इसमें भी वेतन, पेंशन, कार्यालय खर्च जैसे राजस्व मदों में खर्च का आंकड़ा बेहतर रहा जबकि पूंजीगत यानी विकास कार्य के लिए आवंटित बजट खर्च करने का आंकड़ा अंत तक हतोत्साहित करने वाला ही नज़र आया।
यूपी सरकार के कोषवाणी पोर्टल के आंकड़े बता रहे हैं कि 31 मार्च की शाम छह बजे तक कुल 4,32,361.49 करोड़ रुपये ही खर्च किए जा सके थे। कोषवाणी पर दर्ज कुल बजट 6,85,735.76 करोड़ रुपये के मुकाबले खर्च की गई यह राशि शुक्रवार की शाम छह बजे तक करीब 63 फीसदी ही है। देर शाम तक बजट जारी करने का दौर जारी था, संभव है यह ग्राफ पांच से 10 फीसदी तक और बढ़ जाए। कुछ खर्च ऐसे भी होंगे जिसका ब्योरा अभी कोषवाणी तक न पहुंचा हो। लिहाजा इस आकड़ें में अभी 10 फीसदी तक और वृद्धि का अनुमान किया जा रहा है।
कोषवाणी के आंकड़े बता रहे हैं कि राजस्व मद में 4,85,797.55 करोड़ रुपये के मुकाबले 3,23,801.85 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। वहीं विकास कार्यों में 1,99,938.21 करोड़ रुपये के मुकाबले कुल 1,08,559.64 करोड़ रुपये ही खर्च किए जा सके थे। राजस्व और पूंजीगत मद मिलाकर कुल 4,32,361.49 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। राजस्व मद के बजट के मुकाबले खर्च 66.65 फीसदी तथा विकास कार्यों के बजट के मुकाबले खर्च करीब 55 फीसदी हो गया था। कोषवाणी के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2023 तक कुल बजट का करीब 60.39 फीसदी खर्च किया गया था। इस लिहाज से वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने मार्च में खर्च के ग्राफ में तेज वृद्धि नजर नहीं आ रही है।
वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोषवाणी के इन आंकड़ों को अंतिम नहीं माना जा सकता है। संभव यह आंकड़ें दो-चार दिन आगे-पीछे तक के हों। कोषवाणी में दिखने वाला कुल बजट का आकार 2022-23 के बजट अनुमान और अनुपूरक अनुदान के योग से अधिक है यानी ऋण और अन्य मद की धनराशि को भी इसमें जोड़ा गया है। कुल कितना बजट खर्च हो सका इसका सही आंकड़ा निकालने में कुछ समय लगेगा। खर्च के बहुत से आंकड़ें अभी जुड़ने बाकी हैं।