उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड में टनल से पहले भी हो चुके है कई बड़े हादसे, पहाड़ से खाई में गिर गई थी यात्रियों से भरी बस

उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की जद्दोजहद पिछले 17 दिनों से लगातार जारी है। मजदूरों को बचाने के लिए आधुनिक मशीनों के साथ नई-नई तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। यहां तक कि विदेश से भी रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद ली जा रही है। वैसे तो पहाड़ों के कारण उत्तराखंड को पर्यटन के लिहाज से बड़ा ही खूबसूरत राज्य माना जाता है, लेकिन इन्हीं पहाड़ों की वजह से लोगों की जिंदगी भी अकसर खतरे में पड़ जाती है। उत्तराखंड के पहाड़ों में आए दिन हादसे होते हैं। बारिश के मौसम में हादसे और ज्यादा बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं कि सिल्कयारा टनल हादसे से पहले उत्तराखंड में पहाड़ों पर बड़े हादसे कब और कैसे हुए?

11 जुलाई 2023 को भारी बारिश की वजह से उत्तरकाशी में पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर टूटकर तीर्थयात्रियों के वाहनों पर गिर गए थे। गंगोत्री नेशनल हाईवे पर हुए इस हादसे में मध्य प्रदेश के 4 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले साल 22 अक्टूबर 2022 को चमोली जिले के थराली विकास खंड के पैनगड़ में बड़ा हादसा हुआ था। दीवाली से पहले एक परिवार अपने गांव आया हुआ था कि रात के करीब एक बजे पहाड़ टूटने के बाद बड़े-बड़े पत्थर 4 घरों पर आकर गिरे थे। इससे घर की छत टूट गई थी। हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल भी हुए थे।

5 जून 2022 को उत्तरकाशी में पहाड़ से यात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई थी। यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम के यात्रियों को लेकर जा रही बस डामटा के पास खाई में गिर गई थी। हादसे में मध्य प्रदेश के तीर्थयात्री और ड्राइवर समेत 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 26 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 21 फरवरी 2022 को चम्पावत में सूखीढंग-डाडां-मीडा रोड पर बरातियों की बोलेरो खाई में गिर गई थी। इस हादसे में भी 14 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2 लोग घायल हुए थे। बरात टनकपुर से वापस कनकई गांव आ रही थी।

उत्तराखंड के पौड़ी में एक जुलाई 2018 को बमणसैंण-धुमाकोट संपर्क मार्ग पर एक बस खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 10 बच्चों समेत 48 लोगों की मौत हो गई थी। बस बमणसैण से नैनीताल के रामनगर के लिए आ रही थी, तभी ग्वीन पुल के पास खाई में गिरी थी। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 2017 में एक निजी बस खाई में गिरने के बाद टोंस नदी में समा गई थी। इस हादसे में भी 45 यात्रियों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 10 महिलाएं और 7 बच्चे भी शामिल थे। यह लोग विकासनगर से त्यूणी केराड़ जा रहे थे कि नेरुवा थाना क्षेत्र में गुमा के पास हादसा हो गया।

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