कंगना रनौत के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई दलों ने उठाई आवाज
नई दिल्ली: फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा 1947 में मिली आजादी को भीख बताने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को भाजपा समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने अभिनेत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कुछ लोगों ने सड़कों पर उतरकर उनका पुतला दहन भी किया। इसके अलावा उनसे पद्म श्री वापस लेने की मांग भी की गई। कंगना ने हाल ही में एक टेलीविजन चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा था कि 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी। जो आजादी मिली है, वह 2014 में मिली है।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि पद्म श्री कंगना रनोट नफरत और असहिष्णुता की एजेंट हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि उनको लगता है कि भारत को 2014 में आजादी मिली। असल में नफरत फैलाने वालों को 2014 में घृणा फैलाने की आधिकारिक मंजूरी मिली थी। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कंगना के बयान की निंदा करते हुए उनसे पद्म पुरस्कार वापस लेने एवं उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। नवाब मलिक ने कहा कि पद्म श्री देने वाले लोगों ने इनको आगे किया है। गांधीजी सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों का यह अपमान है।
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के खिलाफ अभिनेत्री की टिप्पणी गलत है। स्वंतत्रता संग्राम को लेकर किसी को नकारात्मक टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।