Uttarakhand Chamoli Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर एक बार फिर देखने को मिला है, जहां देहरादून के बाद अब चमोली जिले में बादल फटने से भीषण तबाही मची है। बुधवार देर रात हुए इस हादसे ने कई गांवों में भारी नुकसान पहुंचाया है। उफनती नदी और मलबे के सैलाब में कई मकान समा गए और उनमें सो रहे लोगों का कुछ पता नहीं चल सका है। इस खौफनाक मंजर ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।
यह विनाशकारी घटना बुधवार देर रात लगभग 2:30 बजे चमोली के नंदानगर क्षेत्र में हुई। फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा और धुर्मा गांवों के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने के बाद भारी मात्रा में मलबा और पानी गांवों की तरफ बह निकला। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस सैलाब की चपेट में आने से करीब 12 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। कई घरों का तो नामोनिशान तक नहीं बचा है, जिससे कई परिवार बेघर हो गए हैं और सड़कों पर आने को मजबूर हैं।

आधी रात को आया मौत का सैलाब
देर रात जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तब यह आसमानी आफत उन पर टूट पड़ी। अकेले कुंतरी लंगाफली वार्ड में ही 6 मकानों के मलबे में दबने की खबर है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 8 लोगों के लापता होने की सूचना है, जबकि 2 लोगों को किसी तरह जीवित बचा लिया गया है। वहीं, धुर्मा गांव में भी 4 से 5 मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। मोक्ष नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से लोगों में डर का माहौल है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में तबाही का भयावह मंजर साफ दिखाई दे रहा है।
पहाड़ों पर युद्धस्तर पर बचाव अभियान
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। तहसीलदार राकेश देवली ने बताया कि प्रशासन की टीम को प्रभावित इलाकों के लिए रवाना कर दिया गया है। हालांकि, क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें टूट जाने से राहत और बचाव कार्य में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पहुंच गई है, जबकि एनडीआरएफ की टीम भी गोचर से मौके के लिए निकल चुकी है। सीएमओ कार्यालय द्वारा मेडिकल टीम और तीन 108 एम्बुलेंस भी भेजी गई हैं। उन्होंने कहा, “हम जेसीबी की मदद से रास्ते खोलने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही राहत दल प्रभावितों तक पहुंच जाएगा।”