मायावती ने की कानपुर राजकीय बाल संरक्षण गृह की निष्पक्ष जांच की मांग, बोलीं-लीपापोती बर्दाश्त नहीं
लखनऊ: कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह में बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने तथा अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के प्रकरण में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का गुस्सा चरम पर है। बाल सरंक्षण गृह की 50 से अधिक लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव होने के साथ ही सात के गर्भवती और एक के एचआइवी संक्रमित व एक अन्य के हेपेटाइटिस सी के पीड़ित होने पर मायावती ने कहा कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच हो। इसमें जरा भी भी लीपापोती बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस गंभीर प्रकरण का सीएम योगी आदित्यनाथ संज्ञान लें।
सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय मायावती ने आज इस प्रकरण पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती कानपुर के पॉश इलाके स्वरूपनगर में राजकीय बालिका गृह की लड़कियों के कोरोना संक्रमित होने और कुछ के गर्भवती पाए जाने पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि इस प्रदेश में महिला सम्मान तो दूर उनकी सुरक्षा के मामले में सरकार लापरवाह और गैर- जिम्मेदार बनी हुई है। मायावती ने कानपुर बालिका संरक्षण गृह मामले में सरकार को लीपापोती से बचने की निशात देते हुए कहा है कि उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। मायावती ने कहा कि कानपुर राजकीय संरक्षण गृह में काफी बहन-बेटियों के कोरोना संक्रमित होने व कुछ के गर्भवती होने की खबर से सनसनी व चिन्ता की लहर दौडऩा स्वाभाविक ही है जो पुन: साबित करता है कि यूपी में महिला सम्मान तो दूर उनकी सुरक्षा के मामले में सरकार उदासीन, लापरवाह व गैर-जिम्मेदार बनी हुयी है।
इसके बाद दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा, इससे पहले जौनपुर व आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ अन्याय के मामले में जब सरकार ने सख्त कार्रवाई की थी तो यह देर आए दुरूस्त आए लगा था, किन्तु सर्वसमाज की बहन-बेटियों के साथ लगातार होने वाली अप्रिय घटनाओं से स्पष्ट है कि आजमगढ़ की कार्रवाई केवल एक अपवाद थी, सरकार की नीति का हिस्सा नहीं।
आखिरी ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने लिखा कि बीएसपी की मांग है कि यूपी सरकार कानपुर बालिका संरक्षण गृह के घटना की लीपापोती न करे, बल्कि इसको गंभीरता से ले व इसकी उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इसके साथ ही यूपी के सभी बालिका गृह के व्यवस्था में अविलम्ब जरूरी मानवीय सुधार लाए तो बेहतर है। सरकार अधिकारियों को इस मामले में बेहद गंभीर होने का निर्देश दे।