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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब खाली नहीं रहेगी MBBS और PG की सीटें

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में मेडिकल सीटों के खाली रह जाने पर चिंता प्रकट किए जाने के बाद सरकार इसके लिए नया तंत्र विकसित करने की तैयारी में जुट गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की मदद से अगले सत्र से एक ऐसी प्रक्रिया स्थापित करेगा, जिससे प्रवेश की अंतिम तारीख तक सीटों के खाली रह जाने की आशंका खत्म हो जाएगी।

हाल में पीजी की 1456 सीटें खाली रह जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी प्रकट की थी। एक तरफ पीजी की सीटें कम हैं, वहीं दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर सीटों का खाली रह जाना चिंताजनक है। इसी प्रकार एमबीबीएस की आॅल इंडिया कोटे की 323 सीटें भी इस साल खाली रह गई थीं। इसके अलावा मैनेजमेंट कोटे की करीब तीन हजार एमबीबीएस सीटें नहीं भर पाई थीं। सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए जिन प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है, उनमें मापदंड बनेंगे ताकि खाली सीटों को भरा जा सके।

प्रबंधन कोटे की ज्यादातर सीटें खाली
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि प्रबंधन कोटे की ज्यादा सीटें खाली रह जाती हैं। क्योंकि मेडिकल कॉलेजों द्वारा ज्यादा राशि की मांग की जाती है, जबकि पीजी में कुछ सीटें इसलिए भी खाली रह जाती हैं क्योंकि कोई उनके लिए आवेदन नहीं करता।

देश में एमबीबीएस की 91 हजार सीटें
देश में एमबीबीएस की 91 हजार और पीजी की 42 हजार सीटें हैं। इस साल पीजी की खाली सीटों में 930 सीटें सुपर स्पेशियालिटी कोर्स की थीं, जिनकी कुल संख्या ही देश में 7748 है। इन सीटों को अभी भरने की प्रक्रिया चल रही है।

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