फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 फरवरी से चलेगा एमडीए अभियान
जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न, 10 फरवरी से 25 फरवरी तक जनपद के 9 ब्लाकों में घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा
बाराबंकी : फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए जनपद के चयनित 9 ब्लाकों में 10 फरवरी से 25 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए) चलाया जाएगा। इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सभी पात्र व्यक्तियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा (डीईसी और एल्बेण्डाजोल) का सेवन कराएंगे। दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मौजूदगी में ही होगा और इसे बाद में घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल वेक्टर बोर्न डिजीज डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बुधवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में आयोजित ब्लॉक और शहरी स्तरीय अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत देवा, फतेहपुर, रामनगर, दरियाबाद, राम सनेही घाट (बनीकोडर), सिद्धौर, हरख, जाटा बरौली और अर्बन क्षेत्र में सभी पात्र व्यक्तियों को दवा खिलाई जाएगी। इन 9 ब्लॉकों में 3501 हाथीपांव (फाइलेरिया) और 805 हाईड्रोसिल के मरीज चिन्हित किए गए हैं। चयनित ब्लाकों में गर्भवती महिलाओं, एक साल से कम उम्र के बच्चों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को छोड़कर हर व्यक्ति को फाइलेरिया से बचाव की दवा सेवन करायी जाएगी। उन्होंने सभी ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि माइक्रोप्लान शीघ्र तैयार किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी पात्र व्यक्ति दवा सेवन से वंचित न रहे।
लक्षण होने से पहले करें बचाव
पाथ संस्था के स्टेट प्रोग्राम हेड डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि मच्छरों के काटने से होने वाली फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जो व्यक्ति को कमजोर और अपाहिज कर देती है। इसमें शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन फाइलेरिया से बचाव की दवा डीईसी और एल्बेण्डाजोल का सेवन वर्ष में एक खुराक और लगातार 5 वर्ष तक सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं कराया जाएगा। गर्भवती महिलाओं, एक साल से कम उम्र के बच्चों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को छोड़कर सभी को दवा का सेवन कराया जायेगा।
सुरक्षित हैं दवाएं
जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने बताया कि इन दवाओं का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है। हल्के दुष्प्रभाव, जैसे सिरदर्द, उल्टी, या बुखार, केवल शरीर में मौजूद कृमियों के नष्ट होने के कारण होते हैं, जो कुछ घंटों में ठीक हो जाते हैं। जरूरत पड़ने पर रैपिड रिस्पांस टीम तैनात रहेगी। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ उपेन्द्र राय, सीफार प्रतिनिधि, पाथ व पीसीआई के प्रतिनिधि, सीएचसी अधीक्षक, मेडिकल ऑफिसर, फाइलेरिया व मलेरिया इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और बीसीपीएम, बीपीएम मौजूद रहे।