उत्तर प्रदेश

मेधज संस्था ने मनाई आदिगुरु शंकराचार्य जी की जयंती

डॉ समीर त्रिपाठी द्वारा स्वर दिया गया सूर्य स्तोत्रम का हुआ विमोचन

लखनऊ : श्री आदिगुरु शंकराचार्य जी की जयंती के शुभ अवसर पर आज मेधज एस्ट्रो यूट्यूब चैनल पर सूर्य स्तोत्रम का भव्य विमोचन हुआ. आदि शंकराचार्य जी द्वारा लिखित इस सूर्य स्तोत्रम को मेधज संस्था के संस्थापक डॉ समीर त्रिपाठी जी ने गाया है व संगीत सुरेश खरे एवं ओमप्रकाश प्रसाद ने दिया है.

लखनऊ आशियाना स्थित मेधज टावर में दीप प्रज्ज्वलित कर इसका विमोचन मेधज संस्था के संस्थापक डॉ समीर त्रिपाठी व उनकी माताजी श्रीमती रेखा त्रिपाठी जी ने किया. विमोचन के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ समीर त्रिपाठी ने कहा कि आज ही के दिन वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पंचमी को आदि गुरु शंकराचार्य जी का जन्म हुआ था. उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए सूर्य स्तोत्रम की रचना की थी. डॉ त्रिपाठी के अनुसार आदिगुरु शंकराचार्य जी द्वारा लिखित सूर्य स्तोत्रम अभी तक यूट्यूब या गूगल पर कहीं नहीं था.


उन्होंने बताया कि सूर्य की पुत्री पृथ्वी है. इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी के लिए यह मंत्र लाभकारी है. साक्षात देव सूर्य से ही हमें ऊर्जा मिलती है. सूर्य हमारे पिता है, वही ऊर्जा के एकमात्र स्रोत है, उन्हीं से हमें शक्ति मिलती है. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए 2 मिनट का यह स्तोत्रम सबके लिए फलदाई सिद्ध होगा. धन यश आदि के कारक सूर्य है. सूर्य देव है तो हम हैं. सूर्य ही हमारे गुरु है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं. डॉ त्रिपाठी कहते हैं कि सूर्य उदय से 48 मिनट पहले ही स्नान कर हमें उनका स्वागत करना चाहिए.
डॉ त्रिपाठी के अनुसार इस कालखंड में मन्त्रों की महिमा बहुत बढ़ गई है. मन्त्रों के गायन से मंगल प्रसन्न होते हैं. डॉ त्रिपाठी रामचरितमानस, शिव पुराण, देवी पुराण व भगवत गीता आदि का भी गायन किया है. कोरोना काल में उन्होंने शास्त्रों के गायन का शुभारंभ किया था. उनका कहना है कि आदि गुरु शंकराचार्य जी कलयुग के भगवान हैं. उनका मणिकर्णिका अष्टकम सुनने मात्र से ही समस्याओं का समाधान हो जाता है.


डॉ त्रिपाठी से पूर्व उनकी माताजी श्रीमती रेखा त्रिपाठी जी ने भी आदि गुरु शंकराचार्य जी के बारे में विस्तार से बताया. सूर्य स्तोत्रम के इस भव्य विमोचन के अवसर पर कई प्रखंड विद्वानों के साथ शहर के गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.

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